नारी की परिभाषा : Womens definition

 नारी की परिभाषा : Definition of women 

नारी वो स्वरुप है जिसमे साहस, सौंदर्य, और सहनशीलता का मेल है अगर नारी अपने मन की कोमलता के लिए जानी जाती है तो उसके सा कठोर भी कोई नहीँ होता l 

कभी सोचा है अपने चुडिया, बिंदिया, मेहंदी, पायल, काजल, लाली, गजरा, नथिया, झुमके, इन सबको अगर नारी ना पहने तो ये तो बस एक बेजान सा श्रृंगार रह जायेगा l
लेकिन जब इन्ही सब श्रृंगार को नारी धारण करती है तो इनकी और नारी की शोभा मे चार चाँद लग जाते है, नारी तो वो महान शक्ति है जो अपने अंदर भगवान को भी पालने की ताकत रखती है l 
उसके साहस, और त्याग के सामने भगवान भी नतमस्तक हों जाते है, 

स्त्री का गुणगान देवता भी करते है, कहते है माता तुलसी मात्र एक भक्त थी श्री विष्णु की, लेकिन अपनी भक्ति से उन्होंने श्री विष्णु को इस कदर प्रसन्न कर दिया की उन्होंने अपने नाम से तुलसी का नाम सदा सदा के लिए जोड़ लिया, बगैर तुलसी के श्री विष्णु जी की पूजा भी अधूरी मानी जाती है l 


नारी ही तो है वो जो, बच्चे को जन्म देकर उसे पालती पोश्ती है, और हमेशा उनके आगे ढाल की तरह खड़ी रहती है, वो  सिर्फ एक माँ है ये कहना गलत होगा !! एक बेटी, बहन, प्रेमिका, पत्नी, बहु, और ना जाने कितने रिस्तो की डोर उससे बँधी होती है l
आज के समय मे अगर आप किसी बृद्ध महिला से उनकी जीवन की बीती कहानी सुनेंगे तब आप महसूस कर पाएंगे की इस उम्र मे आते आते उसने कितने संघर्ष किये है, संघर्ष हर किसी के जीवन मे आते है, किन्तु नारी शक्ति जिस काबिलियत से अपने दायित्वों को पूरा करती है, वैसा सायद ही मर्द कर पाते है !"

नारी हर रूप मे अलौकिक है उसके सामान दूसरी रचना है ही नहीँ इस संसार मे,  प्रेम करे तो राधा, क्रोध करे तो काली, अन्न परोसे तो अन्नपूर्णा, दुस्टो का संहार करे तो दुर्गा, पति की सेवा करे तो मा लक्ष्मी, कला मे मा सरस्वती, इसी तरह नारी के अनगिनत स्वरुप है, जिसकी कितनी भी ब्याख्या कर लो कम ही होंगी l
सिर्फ रानी लक्ष्मीबाई ही नहीँ, भारत मे ऐसे कितनी वीरांगनाओ ने जन्म लिया है, जिनमे कोई आईपीएस बनी है तो कोई आईएएस, तो किसी ने सरकार की कुर्सी का कार्य भार भी संभाला है, नारी शक्ति का हर जगह डंका बजता है,  चाहे वो एक मामूली गृहणी हों या किसी राज्य की मुख्य मंत्री l 

नारी को अबला कहने वालो की कमी नहीँ इस देश मे, और ना ही कमी है उनसे दुर्ब्यवहार करने वालो की, हर दिन इस भारत देश मे  किसी बेटी की दहेज़ के कारण बाली चढ़ाई जाती है, तो किसी के साथ दुष्कर्म करके जिन्दा जलाया जाता है,वे दरिंदे सायद ये भूल जाते है जिसने उन्हें जन्म दिया है वो भी एक नारी है l
पर कोई करें भी तो क्या करे इस देश की न्याय परिणाली इतनी लचीली है की जिसे कोई भी चंद पैसो के लिए बेच और खरीद लेते है, समाज ये भूल क्यू जाता है जिस नारी ने उसे जन्म दिया है उनसे ऐसा ब्यवहार करना कितना बड़ा अपराध है l

नारी शक्ति को कमजोर समझने वाले लोग ये भूल जाते है की, महाभारत, रामायण, मे मात्र एक स्त्री के कारण उन दुराचारियो का सर्वनाश हों गया था l 

सिर्फ एक नारी के सम्मान पर बुरी नजर डालने की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी कौरवो को l रावण जो कहने को तो परमज्ञानी था, लेकिन उसने भी अपने घमंड मे नारी का अपमान करके सर्वनाश को आमंत्रित कर लिया, l

एक माँ अपने बच्चों की हर भूल माफ करती जाती है सिर्फ i ईसलिए क्युकी माँ के प्यार की गहराई को कोई नाप नहीँ सकता l किन्तु वही संतान एक दिन स्त्री जाती पर जुल्म करना अपना धर्म मान लेता है और वह ये भूल जाता है की जिस माँ ने उसके अपराध माफ़ किये है वो उसे दंड भी दे सकती है l

वैसे तो लोग हर देवी माँ की पूजा करते है, भारत माँ की पूजा करते है, यहाँ तक की धरती माँ  की भी पूजा करते है लेकिन जब बात अपनी माँ और बेटी की आती है तो सारे कर्तव्य ताख पर रख कर भूल जाते है l

कहते है एक स्त्री मे  सहनशीलता कुटकुट कर भरी होती है, लेकिन जब वो किसी चीज को करने के लिए ठान  लेती है तो भगवान भी उसे रोक नहीँ पाते l  

आज का दौर कुछ ऐसा हों गया है जिसमे औरत जाती का अस्तित्व नाम मात्र रह गया है, भारत मे (NCRB) नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अंतर्गत प्रतिदिन 92 रेप केस आते है, जिनमे से दिल्ली और उत्तर प्रदेश आगे है, रात होने पर घर से अकेले निकलना जैसे खतरे को आमंत्रित करने के समान हों गया है, और ये सब हों रहा है उस मर्द जाती के कारण जिसके लिए औरत सिर्फ भोग करने का सामान मात्र है  l 
भारत की न्याय ब्यवस्था इतनी लाचार है, जिसकी जितनी निंदा करो कम ही है, " अगर सरकार चाहती तो एक कड़े क़ानून लाकर ऐसे लोगो पर कैची चलवा सकती थी लेकिन उन्हें हर बार कैंडल  मार्च और शोक सभाये करने मे ज्यादा ही आनंद मिलता है l"

"पता नहीँ कब तक घर की बेटियां ऐसे न्याय ब्यवस्था की भेट चढ़ती रहेगी "


~~~~~~~~~धन्यवाद ~~~~~~~~~~~~~

इंग्लिश अनुवाद 


Definition of woman



 Woman is a form that combines courage, beauty and tolerance, if a woman is known for her softness of mind, then there is no one as tough as her.


 Have you ever thought that if you do not wear your chudiya, bindiya, mehndi, payal, kajal, lali, gajra, nathiya, earrings, then all of them will remain a lifeless makeup.

 But when a woman wears all these makeup, then the beauty of her and the woman gets four moons, woman is a great power who has the power to nurture God even within herself.

 In front of his courage and sacrifice, God also bowed down,


 Gods also sing praises to the woman, saying that Mother Tulsi was just a devotee of Shri Vishnu, but by her devotion, she pleased Shri Vishnu so much that she added the name of Tulsi to her name forever, without basil.  The worship of Shri Vishnu is also considered incomplete.

 It is a woman who, after giving birth to a child, is a nurturer, and always stands in front of them like a shield, it is wrong to say that she is just a mother !!  A daughter, sister, girlfriend, wife, daughter-in-law, and not knowing how many ties are tied to her.

 In today's time, if you hear the old story of an old woman from her life, then you will be able to realize how many struggles she has fought in this age, struggles come in everyone's life, but the power of women is the ability to fulfill her obligations.  Fulfills, that is what men are able to do! "


 A woman is supernatural in every form, there is no other creation like this, in this world, if Radha, if she loves Kali, serve Kannas, Annapurna, Annapurna, Dusto kills her, Durga, serve her husband and Ma Lakshmi, maa in art  Saraswati, likewise, there are countless forms of women, no matter how many you describe, there will be few.

 Not only Rani Laxmibai, how many such Veeranganas have been born in India, in which someone is an IPS, someone is an IAS, then someone has also taken over the charge of the chair of the government, women power is being stung everywhere, whether it is a  Be a modest housewife or the chief minister of a state.


 There is no shortage of women who are called abala in this country, nor is there any lack of misbehaving with them, every day in this country of India, Bali is attacked due to dowry of a daughter, then someone is raped and burnt alive  , They forget the pity Syed who has given birth to her, she is also a woman.


 But even if someone does, the justice system of this country is so flexible that anyone can sell and buy it for a small amount of money, the society forgets how big a crime it is to treat a woman who has given birth to her  l


 People who think that women power is weak forget that in the Mahabharata, Ramayana, because of just one woman, those misdemeanors were destroyed.


 What a huge cost had to be paid to cast a bad eye on the honor of just one woman. Ravana, who was too knowledgeable to say Kauravas, but he also invited the apocalypse by insulting the woman in his pride.


 A mother forgives every mistake of her children only because no one can measure the depth of her mother's love, but the same child accepts her religion one day by torturing a woman and she forgets that the mother  Has forgiven her crime, she can also punish him.


 By the way, people worship every Mother Goddess, worship Mother India, even Mother Earth, but when it comes to their mother and daughter, they forget all the duties on the screen.


 It is said that tolerance in a woman is full of guts, but even when she is determined to do something, even God does not stop her.


 Today's era has become something in which the existence of a woman caste has ceased to exist, in India (NCRB) 92 Crime Cases are reported daily under the National Crime Records Bureau, out of which Delhi and Uttar Pradesh are ahead, at night it is home.  Going out alone has become like inviting danger, and all this is happening because of the man for whom the woman is just a thing to enjoy.


 India's justice system is so helpless, that it is less condemnable, "If the government wanted to, by bringing a stringent law, such people could be caught but they enjoy it more every time in candle march and mourning."


 "Do not know how long the daughters of the house will continue to visit such a justice system"


~~~~~~~~~~Thankyou~~~~~~~~~~~

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