स्वर्ग की सैर
बीस साल पहले की बात है,जब हम बच्चे थे तो काफी सैतान हुआ करते थे, हम पांच भाई बहन है, और हर पहला दूसरे से ज्यादा बदमाश |
शैतानिया तो इतनी करते थे, जितना सायद ही किसी ने किया हो, दादी के पास रोनी सकल सूरत लेकर खड़े हो जाते थे एक अट्ठनी के लिए, और सबको अठन्नी मिल जाने पर पास की किराने की दुकान पर दौड़ लगाते थे, जहा गरम गरम सौंधी सौंधी निमकिया खाया करते है, दिन दोपहर की कोई परवाह ही नहीं थी, बस निकल जाते अपनी टोली लेकर,
हमारा गाँव सूखे की मार झेल रहा था, जिसकारण लोगो का जीवन कुंवे पर आश्रित था, कही कही कुंवे का पानी तो बिलकुल नाम का रह गया था, जिसकारण लोगो को गन्दा पानी ही उबाल कर पीना पड़ता,
हमारे गांवो मे भुत प्रेत की कहानिया आम थी, जिसकारण भारी दोपहरी निकलने के लिए मनाही रहती, पर हम बदमाशो पर उन बातो का कोई असर नहीं होता,
गाँव के बीचोबीच एक खण्डार नुमा मकान था, जिसके ठीक बगल मे एक बड़ा और भयानक सा कुवा था, लोगो से उस कुंवे के बारे मे काफी कुछ सुन भी रखा था,
कितने गाँव वालो ने वहा चुड़ैल देखि थी, दुसरो की जाने दो खुद मेरी माँ जब पानी लेकर जा रही थी तो अचानक से एक चुड़ैल दिखी थी जो सोने की कंघी से अपने बाल सवारने मे ब्यस्त थी, इतना सब सुन रखने के बाद भी हम शैतानो पर कोई असर ना था, उस खँडहर की जर्ज़र हो चुकी दीवारों पर चढ़ना उतरना रोज़ का काम था,
हम आज भी हर दिन की तरह दोपहर 12 बजे उस खँडहर मे पहुंच चुके थे, थोड़ी देर खेलने के बाद एहसास हुआ की कोई और भी है, आगे बढ़कर देखा तो एक 80 साल की वृद्ध महिला कुंवे के पास बैठी नजर आयी, चेहरे पर झुरिया इतनी भर चुकी थी की चेहरा भी झुर्रियों मे गुम सा प्रतीत हो रहा था, हाथ मे एक लाठी लिए हुए थी, उनके बाल मे लट्टे भरे पड़ी थी, जैसे कई बरसो से कंघी ना लगाई हो,
हमलोग उनके पास गये, जाकर पूछ क्या बात है दादीजी आप यहाँ अकेलेपन क्या कर रही हो, उन्होंने कहा क्या करू बेटा मैं मरना चाहती हूँ, लेकिन मुझे लेने कोई नहीं आ रहा, हमने नम्रता से कहा, आप क्यू ऐसा केह रही है दादीजी, हर कोई तो जीना चाहता है आप मरना क्यू चाहती हो?
तब वो मुस्कुराते हुए कहती है, अब लोग मुझे बोझ मानते है इसलिए मैं भी नहीं जीना चाहती, जब मैं 50 सालो की थी और अपने परिवार की सेवा मे लगी थी तो एक दिन मुझे निंद्रा की अवस्था मे ही देवदूत स्वर्ग ले गये,
ये सुनकर हम बच्चे को अपनी कानो और उनकी बातो पर भरोषा ना हुआ, फिर भी उनसे उसके बारे मे बताने को कहा,
वाह कहती है की एकदिन जब वो सो रही थी, तो दो देवदूत आये और उन्हें लेकर आकाश मे उड गये, नींद मे होने के कारण ये दृश्य उन्हें सपने के सामान प्रतीत हो रहा था, उन्हें शरीर के भार का अब बिलकुल एहसास नहीं हो रहा था, काफी देर हवा मे उड़ने के बाद स्वर्ग की देहलीज पर आकर वे देवदूत उन्हें अकेला छोड़कर निकल जाते है, आगे बढ़ते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे दूध मे नहायी कोई भब्य नगरी हो, धुल मिट्टी का कही नामोनिशान नहीं था, राहें काफी चौड़ी, और सफ़ेद धुंवे से आच्छादित था, वहा का नजारा इतना अद्भुत था की मै अबतक नहीं भूल पायी उस दृश्य को,
थोड़ी देर आगे जाने के बाद एक बड़ा सा दरवाजा दिखा, जिसपर बिशाल काय ताला लटका हुआ था, मै ये देख परेशान हो गयी, ना तो मै वापस लौट पा रही थी और ना ही अंदर जा पा रही थी,
इतने मे बड़े जोर की गर्जना के साथ आकाशवाणी हुई, क्यू आयी हो तुम अभी, अभी तुम्हारा वक्त नहीं हुआ है, जाओ वापस लौट जाओ... वापस लौट जाओ..... वापस लौट जाओ.... ये शोर से बिचलित होकर मै अचानक से अपने शारीरि के साथ उठ गयी, सामने देखा तो लोगो का मेला लगा हुवा था, मुझे देखकर ऐसा वर्ताव कर रहे थे जैसे कोई भुत देख लिया हो, सब आपस मे बाते कर रहे थे के डॉक्टर ने तो कहा की ये मर चुकी है, थोड़ी देर माहौल समझने के बाद मैंने कहा की हा मै तो मर चुकी थी, लेकिन उनलोगो ने बताया की अभी मेरा समय नहीं हुआ है, और वापस भेज दिया, इसतरह मैंने अपनी सारी कहानी उनलोगो को सुनाई, धीरे धीरे बात गाँव से बाहर चली गयी, मुझे मिलने काफी दूर दूर से लोग आया करते थे,
लेकिन अब मै थक गयी हूँ, अब और नहीं जिया जाता. देखो मुझे लेने कोई नहीं आ रहा, बोलो बेटा मै क्या करू,
स्वर्ग जाकर लौट आना काफी बड़ी बात थी... सारी बाते ध्यान से सुनने समझने के बाद, हम उन्हें उनके घर छोड आये, रास्ते मे सभी की हालात ख़राब हो चुकी थी, ऐसा भी हो सकता है, तभी माँ भुत प्रेतों की बात किया करती थी,
घर जाकर सबने माँ और बाकि के सदस्यो को सारी कहानि बताई, सबने कहा की हा वो सुरिया दादी है, कहते है एक समय की डायन थी, लेकिन फिर अचानक से बुरे कार्य छोड दिए और भली बन गयी, फ़िरभी तुमसब दोबारा मात जाना उधर,
भगवान ने उसे कर्मो की सजा भोगने के लिए दोबारा भेजा है उन्हें,
पहले ही क्या हम कम डरे हुए थे, जो ये डायन वाली बात भी सामने आ गयी, हम बच्चे रात भर नहीं सो पाए और कल से उस खंडहर के पास जाना, खेलना सब बंद,
बीस साल हो चुके है इस बात को लेकिन ज़ब भी हम गाँव जाते है तो उस खंडहर को दूर से ही सलाम करते है |
*******************************
Heaven walk
Twenty years ago, when we were children, we used to be very satan, we have five siblings, and every first one is more punk than the other.
Satan used to do so much as anyone else did, with Ronnie standing near the grandstand for a stitch, and running to the nearby grocery store, when everyone got hard, he said Saundhis used to eat nymphia, there was no care of day and afternoon, just leaving with their team,
Our village was suffering from drought, due to which the life of the people depended on the well, somewhere the water of the well was left in the name, due to which the people had to boil the dirty water and drink it,
The stories of ghosts were common in our villages, due to which it was forbidden to leave heavy twos, but those things would not have any effect on us miscreants,
In the middle of the village was a block-shaped house, next to which there was a big and terrible Kuva, people had heard a lot about that well,
How many villagers had seen a witch there, let go of others, when my mother was carrying water herself, suddenly a witch was seen who was busy riding her hair with a gold comb, even after listening to all this, we devils But there was no effect, climbing down the ruined walls of that ruin was a daily task,
We had reached that ruin at 12 noon like every day, after playing for a while, realized that there is someone else, moving forward and saw an 80 year old woman sitting near the well, wrinkled in the face. It was so full that the face also seemed to be missing in wrinkles, with a stick in his hand, his hair was lying heavy, as if he had not combed for many years,
We went to him, go and ask what is it, Grandmother, what are you doing alone here, he said, "What should I do, son, I want to die, but no one is coming to pick me up, we humbly said, why are you doing this?" Everyone wants to live, why do you want to die?
She then smiles and says, now people consider me a burden, so I do not want to live, when I was 50 years old and I was serving my family, then one day the angels took me to sleep in the state of sleep,
Hearing this, the child was not attracted to our ears and his words, yet asked them to tell about him,
Wow says that one day when she was sleeping, two angels came and took her away in the sky, due to being sleepy, this scene seemed to them like a dream, they don't realize the weight of the body anymore. Was, after flying in the air for a long time, those angels, leaving the threshold of heaven, leave them alone, moving forward, it seemed as if there was a very beautiful city in milk, there was no such thing of dust, no way Very wide, and covered with white smoke, the view was so amazing that I could not forget that scene till now,
After going awhile, I saw a big door on which the lock of the bushel was hanging, I got upset seeing it, neither I was able to return nor was I able to go inside,
There was a loud roar in the air, why have you come now, it is not yet your time, go back… go back… go back… back! I suddenly got up with my body, saw the fair of the people, I was behaving as if someone had seen a lot, everyone was talking among themselves that the doctor said that this is dead Having said that, after understanding the atmosphere for a while, I said that I was dead, but they told me that it was not yet time, and sent it back, so I listened to all my food, slowly talking to the village. She went out, people used to come from far and wide to meet me,
But now I'm tired, don't live anymore. Look no one is coming to pick me up, say what should I do son
After listening carefully to all the things, we left him at his house, everyone's situation had deteriorated on the way, it could also happen, when Mother used to talk about great love.
Everyone went home and told the mother and the rest of the members, everyone said that she is Suriya Dadi, says that she was a witch of a time, but then suddenly gave up the bad deeds and became well, yet you all have to be beaten again,
God sent him again to suffer the punishment of karma,
Already, were we less scared, which also revealed this witch, we children could not sleep overnight and go to the ruins from yesterday, stop playing,
It has been twenty years now, but even when we go to the village, we salute the ruins from a distance.
*******************************
0 टिप्पणियाँ