दान (donation )

दान 

रस्मी अपने पापा की लाडली बेटी है, वाह अपनी बीएससी की पढ़ाई मे ज्यादातर ब्यस्त रहती थी, 

घर के छोटे बड़े काम मे माँ का हाथ भी बताया करती 

माँ तू रहने दे,.... दे मुझे मै कर लूंगी, (रस्मी )
ठीक है बेटा ले तू ही कर, (माँ )

वैसे माँ पापा कहा है, कही दिख नहीं रहे, 
वो तेरे लिए लड़का देखने गये है, (माँ )
उफ्फ्फ माँ, तूम और पापा मेरे पीछे हाथ धोके पड़ गये हो, 
मुझे नहीं करनी शादी अभी, 

थोड़ी देर बाद,

लड़के का फोटो दिखाते हुए कहते है सायद यहाँ बात पक्की हो ही जाएगी , (रस्मी के पापा )

देख रश्मि (माँ )

ओह्ह माँ लडके को देखकर लगता सारे जहा का काम यही करता है, देखो कैसे थका हारा बैठा है, 
मुझे नहीं करनी इससे शादी, नहीं करनी नहीं करनी, 

रश्मि को काफी बुरा लग रहा था, पहली बार उसने किसी रिश्ते के लिए ना कही थी, लेकिन उसके घरवालों को उसकी ना से कोई फर्क नहीं पड़ा, 

बातचीत जारी थी, इस बिच एक सहेली के दबाव मे रस्मी शादी के लिए तैयार हो जाती है, 
अगली सुबह रिश्ते की बात पक्की हो जाती है, 

दो महीने बाद रश्मि की शादी भी अच्छे से हो जाती है, ससुराल पहुंचकर रस्मी की काफी भब्य स्वागत होती है, कुछ दिनों मे उसे एहसास होता है की वो अपने पति के बारे मे कितना गलत सोच बैठी थी, जिसे वो एक मामूली लड़का समझी थी वो तो राजकुमार था, घर मे उसकी ठाठ, बाठ, रहन सहन बिलकुल अलग थे,,,, 

फिर धीरे धीरे समय बीतने लगा, सब अच्छा चल रहा था, तभी उसे दरवाजे पर एक फ़क़ीर दस्तक देता है, जिसे आश्रम के लिए दान चाहिए होता है, 

रस्मी देर ना करती हुई, उसे बड़ी धनराशि दे देती है, दिए हुए दान को देखकर फ़क़ीर खुश हो जाता है और, उससे एक कागज और पेन मांगता है, इससे पहले की रश्मि कुछ पूछती, उस फ़क़ीर ने झट से कुछ दृश्य सा बनाकर रश्मि को दे दिया, रस्मी बगैर देखे, उसे अपने पास रख लेती है, पर देखती नहीं है, लगभग एक हप्ते के बाद अचानक उसकी नजर उस कागज पर पडती है, उसे हाथो मे लेकर सीधा करके देखने लगती है, 

उस कागज मे, एक पुरुष लेटा दीखता है, और उसके बगल में काफी रक्त पड़ा होता है, उस ब्यक्ति के बाल नहीं होते है, रस्मी काफी घबरा जाती है, इस दृश्य को देखकर, लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आता है, उसे महज एक कागज का टुकड़ा मानकर सब भूल जाती है, थोड़े दिनों मे उसे खबर मिलती है की, उसके पापा की तबयत काफी ख़राब है, और वो ठीक नहीं हो पा रहे है, 

उसे ठीक से कुछ मालूम ना होने के कारण इस बात को बिलकुल छोटी बात समझती है, और अपने डेली की जिंदगी मे ब्यस्त हो जाती है, लगभग 6 महीने के बाद फिर वही फ़क़ीर दरवाजे पर दस्तक देते है, रस्मी फिर से उन्हें बड़ी राशि देकर बिदा करती है, और जाते वक्त फिर से कलम, कॉपी की मांग करते है, इसबार उनके जाते ही रश्मि उस पन्ने को ठीक से देखती है, जिसमे लिखा होता है, माँ द्वारा लाल वस्तुये वितरण करने से आने वाला विघ्न टल जायेगा, 

देर ना करते हुए वो अपनी माँ से लाल वस्तुये वितरण करने को कहती है, लेकिन उसकी माँ इस बात को गंभीरता से नहीं लेती, और रस्मी को भी इन चककरो मे ना पड़ने की हिदायत देती है, 

माँ को ऐसा ना करते देख रश्मि खुद ही लाल वस्तुवे वितरण करती है, लेकिन सायद उससे फर्क नहीं पड़ा, एक सुबह जब रश्मि जगी तो, उसे उसके पिता नहीं रहे, और ठीक वही दृश्य रश्मि के आँखों के सामने था जिसे उस फ़क़ीर ने कागज पर उतारा था, इस घटना के कारण रश्मि अंदर से टूट चुकी थी, क्युकि उसे किसी ने उपाए दिए थे सब ठीक करने को लेकिन वो उस चीज को कर ना पायी, 

उसे करने से सायद उसके पिता स्वस्थ हो जाते, 

थोड़े दिनों के बाद रश्मि उस फ़क़ीर को ढूंढने निकलती है, जिसने वो दृश्य बनाये थे, काफी जांच पड़ताल के बाद भी वाह उसे ढूंढ़ ना सकी, 

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English translation 


Donation



 Rashmi is the darling daughter of her father, Wah was mostly busy in her BSc studies,


 Mother's hand was also mentioned in the small work of the house


 Mother, let me be, give me to me, (prim)

 Ok son take you only


 By the way, my father said, do not see anywhere,

 He has gone to see the boy for you, (Mother)

 Ummph mother, you and my father have washed my hands,

 I don't want to get married right now,


 After some time,


 Showing the photo of the boy, Sayed, here the matter will be confirmed, (Prim's father)


 Dekh Rashmi (Mother)


 Ohhh, seeing the mother boy, it seems that all the work of this ship is done, see how tired the loser is,

 I don't want to marry her, don't marry her,


 Rashmi was feeling very bad, for the first time she did not ask for a relationship, but her family did not mind her,


 The conversation was going on; between this, under the pressure of a friend, the ritual gets ready for marriage,

 The next morning the relationship is confirmed,


 After two months, Rashmi gets married well, and Rasmi is welcomed very much by reaching her in-laws, in a few days she realizes how wrong she was thinking about her husband, whom she thought was a modest boy.  He was a prince, his chic, bath and living at home were completely different.


 Then slowly the time began to pass, everything was going well, only then he knocks at the door, who needs donations for the ashram,


 Rashmi is not late, gives her a large sum of money, Faqir is happy to see the donation given and, asking for a paper and pen, before Rashmi asks for something, that Faqir quickly makes a few scenes of Rashmi.  Gave it to him, without looking at the cereal, keeps it with him, but does not look, after almost a week, suddenly his eyes fall on the paper, taking it straight in the hands,


 In that paper, a man looks down and lies with a lot of blood on his side, the person does not have hair, Prim is quite nervous, seeing this scene, but he does not understand anything, he just has a  Taking a piece of paper, everyone forgets, in a few days he gets the news that his father's health is very bad, and he is not able to recover,


 Due to her not knowing anything properly, she considers this to be a small matter, and gets settled in her daily life, after about 6 months, the same faqir knocks on the door, the ceremonies again giving them a large amount  Goodbye, and on leaving, again ask for a pen, copy, this time Rashmi sees the page properly as she leaves, in which it is written, the disruption caused by the mother distributing red things will be averted,


 Without delay, she asks her mother to distribute the red items, but her mother does not take this thing seriously, and also instructs Rashmi not to get into these tricks,


 Seeing her mother not doing this, Rashmi herself distributes the red item, but Syed did not bother her, one morning when Rashmi woke up, she was left with her father, and the same scene was in front of Rashmi's eyes which that Faqir gave the paper.  But had landed, due to this incident Rashmi was broken inside, because someone had given her the remedies to fix everything but she could not do that thing,


 By doing this, his father would have recovered,


 After a few days, Rashmi goes to find the Fakir who made those scenes, Wah could not find her even after much investigation,





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