मै ज़ब हरिद्वार गया, तो हरिद्वार मे ऐसे तो कई साधु संत अपने धर्म कर्म मे लीन रहते है, पर इन दिनों एक बाबाजी कि खाश चर्चा हो रही थी,
आखिर ऐसी क्या खाश बात है उन मनुष्य मे जो इतने विख्यात है, यहाँ आया हु तो उनसे जरा मिलकर हि जाऊंगा.....यह सोच
अगली सुबह मै और मेरी पत्नी उनके निवास पर पहुंच गये,
बड़ी अजीब बात थी.... मिर्त्यु सैया पर लेटे हुए भी भक्तो को उपदेश दे रहे थे, क्या किसी संत मे इतनी भी शक्ति नहीँ कि वह अपने शरीर से उत्पन्न हो रही कष्ट को दूर कर सके, या फिर परमेश्वर को खुद क…
कभी कभी जीवन समस्याओ से इस तरह घिर जाते है, की वहा से निकल पाना इस जन्म मे सम्भव नहीँ हो पाता, इन्ही रहस्यों को अपने अंदर समेटे यह अनकही दास्तां भी आम कहानियो मे एक है,
यह कहानी साधारण वर्ग से है, जिसमे मुख्य भूमिका मे है रूपचंद साह, ये ब्यापारी वर्ग से आते थे, जिनकी झारखण्ड के छोटे से ग्राम मे काफी जमींदारी थी,
जिनका पूरा जीवन अपने कार्य को समर्पित रहा, हलाकि घर द्वार, जमीन जायदाद के अलावा एक बड़ी और खुशहाली स भरा पूरा परिवार था,
अपने पैसो को फिज़ूल खर्च के लिए कभी उपहा ना किया,…
दिल्ली के करोल बाग मे रह रही सृष्टि अपना डिनर खत्म कर के बस सोने हि जा रही होती है, की तभी उसके लैंड लाइन की घंटी बजती है...........ट्रिंग ट्रिंग
और यह कॉल पुणे मे रह रही उसकी छोटी बहन हनी की होती है, दोनों आधे घंटे बात करते है, उसके बाद सृष्टि सोने चली जाती है, उसने सपने मे भी सोचा नहीँ होगा.......आगे जो होने वाला था,
दरअसल वह सोते सोते भविष्य मे जा चुकी थी, उसे इसके बारे मे कुछ भी पता नहीँ था, वह भविष्य मे अपने सफर के दौरान................. बाकियो के लिए अदृश्य थी, लेकिन इस ब…
क़ल किसने देखा
यह कहानी पुरी तरह से काल्पनिक है,
सतीश नाम का एक लड़का जो प्राइवेट नौकरी करता था, लेकिन ठीक ठाक शक्ल सूरत के कारण कभी कबार अपने किसी रिश्तेदार अनिल के कहने पर नाट्य मंच पर छोटे मोटे रोल किया करता था,
एक दिन अनिल ने फोन किया!!! ( एक बेहतरीन रोल के लिए उसे भी आमंत्रित किया जा रहा था ) अनिल ने बताया की यह मेरी एक बड़ी प्रोजेक्ट है, इसमें बाहर से भी कई सारे लोग अपनी अपनी भूमिका निभाएंगे,
अनिल के कहने पर सतीश वहा पहुंचा, सभी पहले से आ चुके थे,
थोड़ी देर मे शूट भी सुरु हो गयी,…
आसमानी आफत
उथल पुथल का मोहॉल था, सभी इधर उधर शरण लेते नजर आ रहे थे,
एक तो ये महामारी, ऊपर से असामानी आफत......
ये कहते हुए संध्या अपने परिवार के साथ किसी दूसरी जगह शरण लेने निकल पड़ी,
पुरे शहर मे पानी के जमाव से लोग परेशान थे, संध्या का पूरा परिवार जो की एक शानदार हवेली मे रहने के आदि थे,
सभी अपनी जरूरत का समान लेकर शहर से दूर अपने पुराने फार्म हाउस के तरफ बधाई रहे थे, रास्ते मे भारी बारिश के कारण उन्हें काफी दिक्क़त हो रही थी,
थोड़ी दूर आगे जाने के बाद शहर के सबसे प्रमुख नदी से होक…
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