जादुई गुड्डा
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सेजल 8 वर्ष की एक नन्ही गुड़िया है, उसे गुडडे गुड़ियों और खिलौनों से खेलना बेहद पसंद है, सेजल की मम्मी शिप्रा एक दिन बाजार से सेजल के लिए एक नया गुड्डा लेकर आई, गुड्डा देखकर सेजल बहुत खुश हो गई, सेजल दिनभर गुड्डे के संग खेलती रहती, उसे संग लेकर ही खाती है जो संग रखकर हर काम करती, धीरे-धीरे सेजल में बदलाव आने शुरू हो गए, सेजल पहले से काफी समझदार हो गई थी, 8 साल की सेजल अब बड़े-बड़े काम करने लगी थी, उसकी पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी, सेजल में आया अचानक यह बदलाव देखकर सभी खुश है, लेकिन सेजल की मां शिप्रा को, सेजल में आए बदलाव ने आश्चर्यचकित कर दिया, क्योंकि सेजल ज्यादातर अपना समय उस गुड्ढे के साथ व्यतीत करती थी, फिरभी उसके सारे होमवर्क और स्कूल की पढ़ाई अगले दिन कम्पलीट मिलती, इसलिए, शिप्रा जानना चाहती थी कि सेजल अचानक से इतनी समझदार कैसे हो गई,
इसलिए उसने सेजल के कमरे में एक खुफिया कैमरा लगा दिया, जिससे वह सेजल पर नजर रख रहीं थी, उस कैमरे की मदद से शिप्रा ने जो देखा उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ, दरअसल वह जिस गुड्डे को बाजार से सेजल के लिए लेकर आई थी वह गुड्डा बोल सकता था और एक आम इंसान की तरह से सेजल से बात कर रहा था,
सेजल की मां शिप्रा थोड़ी भयभीत हो गई, उसके मन में उस गुड्ढे के प्रति नकारात्मक बातें घर कर गई, उसे डर था कि कहीं वह गुड्डा किसी दिन से सेजल को किसी बड़ी मुसीबत में ना डाल दे,
गुड्डे को से जल्द से जल्द सेजल से अलग करना चाहती थी, इसलिए 1 दिन शिप्रा ने मौका पाकर उस गुड्डे को घर से दूर से फेंक दिया, लेकिन अगली सुबह वह गुड्डा वापस चलकर सेजल के पास आ पहुंचा, जिसे देखकर शिप्रा हैरान रह गई, शिप्रा ने बहुत प्रयास किए, सेजल को उस गुड्ढे से दूर करने के लिए लेकिन वह नाकामयाब रही, अंत में उसने उस गुडडे से बात करने की सोची,
जब सेजल सो गई थी तो, शिप्रा ने गुड्ढे से कहा, देखो मैं तुम्हारे बारे में सब कुछ जानती हूं, तुम कोई आम गुड्डा नहीं हो, तुम मेरी बेटी का पीछा क्यों नहीं छोड़ रहे, तुम दूर चले जाओ, अगर किसी दिन तुमने मेरी बेटी को नुकसान पहुंचा दिया तो,
इस पर गुड्ढे ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, मै ऐसा नही करूँगा, माँ भी आम लड़का था, लेकिन 5 साल पहले, जब मैं बॉल खेल रहा था, तो मेरा बॉल गलती से एक तांत्रिक के घर चला गया, मैं अपना बॉल लाने पहुंचा, तो देखा तांत्रिक के घर में कई गुड्डे पड़े थे, मुझे एक बुड्ढा बेहद पसंद आया, मैं चुपके से उस बुड्ढे को अपने साथ ले आया, अगले दिन जब सुबह हुई, तो मैंने देखा वह गुड्डा गायब था, मैं परेशान हो गया और उसे ढूंढते ढूंढते तांत्रिक के घर जा पहुंचा, जहां वह तांत्रिक मौजूद था, वह तांत्रिक जान चुका था कि मैंने उसके घर से गुड्डा चोरी किया है, इसलिए दंड देते हुए 10 वर्षों के लिए उसने मुझे गुड्डा बना दिया,
कई घरों मे जाने के बाद मै यहां पंहुचा, मुझे सजल बेहद पसंद है, मुझे यहां रहना अच्छा लगता है, क्या मैं यहां 5 वर्षों के लिए आप लोगों के साथ और रह सकता हूं,
यह सब जा जानते हुए शिप्रा ने पूछा तुम मेरी बेटी को कोई नुकसान तो नहीं करोगे इस पर गुडडे ने जवाब दिया जी बिल्कुल नहीं मैं उसे उसकी पढ़ाई में मदद करता हूं उसे अच्छी बातें सिखाता हूं मैं उसका नुकसान भला क्यों करूंगा, उसके बाद 5 सालों तक गुड्डा सेजल का गुड्डा बंद कर रहा, 5 सालों के बाद जब वह मनुष्य रूप में आ गया, तब वापस अपने घर चला गया, बेटे को पाकर उसके मां-बाप भी खुश हो गए,
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