नाम मुख्याईन जी
ये कहानी पुरानी रीती रिवाजों मे ढली कौशल्या की है, जिसका रंग काला था, पर नैन नक्श तराशे हुए थे, मात्र 5 वर्ष की उम्र मे उसके पिता ने उसका बिवाह 7 वर्षीय रूपस्वरूप से कर दिया था, रूप स्वरुप अपने नाम की तरह ही दूधिया सफ़ेद और आकर्षक लड़का था,
उसे अपने पिताजी से कोई शिकायत नही थी के उसके लिए काली कलूटी दुल्हन ही क्यों पसंद की गयी, पांच वर्ष की उम्र मे किसी के रंग रूप का पता लगाना भी मुश्किल था,
कौशल्या रंग से भले मैली थी, पर विचार उसके हमेशा अनोखे रहे, समय बीतता ग…
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