स्वर्ग की सैर
बीस साल पहले की बात है,जब हम बच्चे थे तो काफी सैतान हुआ करते थे, हम पांच भाई बहन है, और हर पहला दूसरे से ज्यादा बदमाश | शैतानिया तो इतनी करते थे, जितना सायद ही किसी ने किया हो, दादी के पास रोनी सकल सूरत लेकर खड़े हो जाते थे एक अट्ठनी के लिए, और सबको अठन्नी मिल जाने पर पास की किराने की दुकान पर दौड़ लगाते थे, जहा गरम गरम सौंधी सौंधी निमकिया खाया करते है, दिन दोपहर की कोई परवाह ही नहीं थी, बस निकल जाते अपनी टोली लेकर,
हमारा गाँव सूखे की मार झेल रहा था, जिसकारण लोगो…
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