जबतक इंसान जिन्दा रहता है,उसे दुनियादारी की पड़ी रहती है.......मेहनत करता है औऱ पुरा जीवन अपने काम औऱ परिवार के नां समर्पित कर देता है,
पर क्या इंसान संसार छोड़ देने के बाद वह अपने परिवार को भूल जाता है,? हमारी आज की कहानी इसी पर आधारित है?
कई दिनों से बिस्तर पर लेटा अरविंद अपने सगे सम्बन्धीयो से मिलने की इच्छा जाहिर कर रहा होता है,औऱ अपनी पत्नी से कहता है,
मीरा....क्या किसी ने फोन कर मेरी तबयत की जानकारी ली थी,
मीरा बोली किसीने से क्या मतलब है आपका....परिवार मे तों ऐसा कोई नहीँ है…
नाम मुख्याईन जी
ये कहानी पुरानी रीती रिवाजों मे ढली कौशल्या की है, जिसका रंग काला था, पर नैन नक्श तराशे हुए थे, मात्र 5 वर्ष की उम्र मे उसके पिता ने उसका बिवाह 7 वर्षीय रूपस्वरूप से कर दिया था, रूप स्वरुप अपने नाम की तरह ही दूधिया सफ़ेद और आकर्षक लड़का था,
उसे अपने पिताजी से कोई शिकायत नही थी के उसके लिए काली कलूटी दुल्हन ही क्यों पसंद की गयी, पांच वर्ष की उम्र मे किसी के रंग रूप का पता लगाना भी मुश्किल था,
कौशल्या रंग से भले मैली थी, पर विचार उसके हमेशा अनोखे रहे, समय बीतता ग…
पहली मुलाक़ात
नई जिंदाई की चाह मे मानसी आज उस लड़के से मिलने जा रही है, जिसे उसके माता पिताजी ने मानसी के लिए चुना है,
मानसी अपनी सहेली परिधि के साथ एक बड़े से शॉपिंग मॉल मे पहुंची, जहाँ पहले से सचिन आ चूका था, ये सचिन और मानसी की पहली मुलाक़ात थी,
परिधि और मानसी सचिन के साथ शॉपिंग के बहाने मिलने आये थे,
दरअसल परिधि को लड़के की पूरी जांच पड़ताल करने के लिए उसके परिवार वालों ने भेजा गया था,
क्युकी मानसी को सचिन के बारे मे ज्यादा जानकारी नही थी, इसलिए मानसी सचिन को लेकर उलझन मे…
मर्जी -------------- कुछ लोग अपनी मर्जी के मालिक होते है, तो कुछ अपनों की मर्जी पर निर्भर होते है, जैसा इस कहानी के पात्र मनोहोर रिमझिम के साथ हुआ,
शहर में पली-बढ़ी रिमझिम, गांव कम ही जाती थी, शहर से इंटरमीडिएट पास करने के बाद पिता उसके शादी के लिए लड़का देखने लगे,
लड़का देखते हुई उन्हें कई साल बीत गये जिसकारण अपनी जिम्मेदारी से जल्द छुटकारा चाहते थे, देखते देखते मनोहर नाम का लड़का रिमझिम के पिता को रिमझिम के लिए जच गया, लेकिन एक समस्या थी, मनोहर वासी था,जबकि रिमझिम को की …
माँ बगैर बचपन
एक फला फुला सुखी परिवार था, परिवार मे दो बेटे, दो बेटियां थी, जल्द ही पिता ने बेटियों की शादी अच्छे घराने मे कर दी, अब घर मे दो बेटे थे, चुकी शादी की उम्र उनकी भी हो चली थी परन्तु उन बेटों को पिता ना पहले रोजगार सिखाने के लिए अपने साथ शहर ले गये, क्युकि उनका उद्योग धंधा वही था,
बड़ा बेटा बिल्कुल मुर्ख था, उसे बार बार सब सिखांए जाने के बाद भी वाह गलतियां कर देता था, जबकि छोटा बेटा काफी समझदार और मेहनती था, देखते ही देखते छोटे बेटे ने सारे उद्योग धंधे की बागडोर अ…
परोपकार : paropkar
आज सुबह से लगातार बारिश हुए जा रही है, औऱ इसी कारण मिस्टर औऱ मिसेस चौहान अपने मॉर्निंग वॉक के लिए नहीँ जा सके, मिस्टर चौहान काफी परेशान से है, शायद किसी ख़ास कारण ने उन्हें चिन्ताओ मे घर लिया है, या फिर मॉर्निंग वॉक पे ना जाना भी उनकी इस चिंता का कारण हो सकता है,...... "!!!!!
इधर मिसेस चौहान की ख़ुशी का ठिकाना नहीँ है, क्युकी अभीअभी उन्हें पता चला है की उनके बेटे बहु आकाश औऱ नीलम जो अमेरिका मे रहते है, उनकी फ्लाइट लैंड हो चुकी है, औऱ वो दोनों किसी भी समय…
मै तुम्हारी हुई : I m yours
हाँ हाँ, आज से मै तुम्हारी हू, !! ये अचानक से नहीं हुआ, हमारा रिस्ता तो ना जाने कितने जन्मो से एक धागे मे भगवान जी ने बाँध कर रखा था, यहाँ तो सिर्फ साथ फेरे लेने बाकि थे, और एक दिन हमने उस पड़ाव को भी पार कर लिया, और इस जन्म मे फिर से एक दूसरे के हो गए |
जी हा, ये कहानी अर्रेंज मैरिज से जुडी है, जिसमे एक अनजान चेहरा सदा सदा क लिए आपका हो जाता है, ये बस एक इत्तेफाक नहीँ होता |
उससे आपका रिस्ता दरअसल बड़ा गहरा होता है, जो ना जाने कितने जन्मो से आपका हम…
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