पितृ श्राद्ध का समय था, सभी लगे पड़े थे अपने पूर्वजो को अपनी निष्ठां दिखाने मे, भले उनसभी के रिश्तों मे जितनी भी खटास रही हो, लेकिन पितृपख अर्थात आश्विन माह के कृष्ण पक्ष मे अमावस्या तक लोग दिल खोल कर दान पुण्य करते है,
और यह पुरे विश्व मे 15 दिनोटक चलने वाला एक पर्व की तरह ही मनाया जाता है,
पितृ तर्पण देने से ठीक दो दिन पहले दीनानाथ के घर मे उसके दर्जन भर पूर्वज दीनानाथ को दर्शन देते हूए कहते है, बालक मै जानता हु, तुम हमारे लिए सच्चे मन से तर्पण करते हो,
पर इतना करना काफी नहीँ …
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