सच्ची कहानी :मै एक राहगीर हु, पऱ मै आम लोगो की तरह रास्तो का नहीँ समय की यात्रा करता हु, शक्ल सूरत से दिखने मे आम तो हु पर पता नहीँ क्यूँ आँखे बंद करते ही किसी दूसरे स्थान पर होता हु, और वह स्थान इस संसार मे कहीं ना कहीं मौजूद होता हीं है,
सुनने मे काल्पनिक जरुर है पर ऐसा हीं हु मै,जाने ये कैसी शक्तिया है जो मुझे हर वक्त अपने आप से एक नये स्थान पर मिलवाती है,
आज की हीं बात करू तो हर दिन की तरह आज की अपनी दिनचर्या मे बस जिए जा रहा था, बिल्कुल आम सी मेरी जिंदगी, अच्छी बातो पर हस…
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