एक बार चलते चलते काफी शाम हो गयी, जा तो रहा था अपने किसी रिस्तेदार के यहां....
लेकिन शाम होते हीं अंधेरें मे कहीं जाने की इच्छा नहीँ होती, क्युकि शाम के साथ हीं मेरे आँखों की रौशनी भी बस 30 %हीं रह जाता है,
लेकिन अभी भी मुझे 15 किलोमीटर और दूर जाना था, घर मे शादी है, और मुझे हीं कार्ड बाटने के लिए दूर दूर के रिस्तेदारो को कार्ड देने का जिम्मा दिया गया था, मैंने तो सबको बताया था की अब मेरी उम्र हो चुकी है और शाम होटल हीं मुझे दिखना भी बंद हो जाता है, फ़िरभी पता नहीँ क्यूँ मुझे …
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