भारत मे ऐसे बहुत काम ही लोग होंगे जो इस मंदिर के बारे मे नहीं जानते होंगे क्यू की इस मंदिर की बिशालता और इसका रहस्य इसे इतना आकर्षक बना देता है की, हर कोई इसकी गुत्थी को सुलझना चाहते है |
क्या आप जानते है यह एक मात्र ऐसा मंदिर है, जिसकी चर्चा विदेशो मे भी फैली है, और वो इसलिए क्युकी इस मंदिर से जो खजाना भारत वर्ष को प्राप्त हुआ 2011 मे उसकी कल्पना व कोई नहीं कर सकता था| वो खजाना इतना विशाल था की भारत की अर्थ ब्यवस्था 5 बार ठीक किया जा सकता है उस खजाने से|
जिसने भी पद्मनाभ स्वामी मंदिर के बारे मे जाना सब के सब हक्के बक्के रह गए |
इस मंदिर को त्रावणकोर के राजाओ द्वारा 6ठी शताब्दी मे बनावाया था, जिसका निर्माण 9 वी शताब्दी मे ख़त्म हुआ |
तिरुवंत पुरम के केरल मे इस्थित इस मंदिर को 17 वी शताब्दी मे महाराज मार्कण्डेय के दवारा स्थापित कराया गया, वे खुद भगवान विष्णु के भट बड़े भक्त थे, इसलिए खुद को पद्मनाभ स्वामी का दास बताते थे |
बड़ी बिशलता थी उनके ह्रदय मे, अपना समस्त खजाना उन्होंने भगवान विष्णु के चरणों मे अर्पण करने का निर्णय लिया |
ऐसा कहा जाता है की 1947 तक त्रावणकोए के राजाओं ने ही तिरुवंत पुरम मे राज किया उसके बाद सारी संपत्ति एक ट्रस्ट के अधीन है, जो उस मंदिर की देख रेख करती है, तथा साही परिवार मंदिर की सेवा मे हर पल तत्पर रहते है |
इस मंदिर की सबसे खास बात ये है की यहाँ भगवान विष्णु के स्वरुप को बखूबी दिखाया गया है, कहने का मतलब ये है की मंदिर के गर्भ मे रखी भगवान विष्णु की प्रतिमा का सक्छात दरसाहन आप द्वार के बाहर से ही कर सकते है, ये अपने आप मे एक अदभुत निर्माण है जो, उस काल के चित्रकारों, और शिल्पकारों द्वारा किया गया था |
इतना ही नहीं इस मंदिर मे पांच मंजिला ईमारत इस प्रकार से बनाया गया है, की जब भी सूरज निकलता है, तो एक स्थान से देखने पर सूरज हर
पहर की उस मंजिला से होकर गुजरता हो कर गुजरता जहा स्थान रिक्त रखा हो, ऐसा अनूठा दृश्य जो अपने आप मे किसी अजूबे से काम नहीं है इस मंदिर को और खास बनाता हैं |
अब चलते है इसके गर्भ गृह मे जहा भगवान विष्णु की पाषाण निर्मित काफ़ी बड़ी मूर्ति उपिस्थित है, लोआकर व इनके दर्शन करते है, साथ ही निचे सकरी सी सीधी है जो कैबिनेट A.और कैबिनेट B की और जाता है |
Cabinet A : यहीं वो दरवाजा है खुलवाते
ही जैसे लोगो की आंखे फटी की फटी रह गयी, मतलब ये की इतना, सोना ,चांदी, रूबी, पन्ना , माणिक्य, हीरे और ना जाने कितने बेसकीमती रत्न पाए गए , सोने की मुर्तिया, सोने के आभूसन, सोने के बर्तन, सोने के मेज कुर्सियां, सोने से बनी एक एक भगवान की मूर्ति, जो काफ़ी बारी थी, ये सब पाए गए, जबकि एक दूसरा दरवाजा व था जो पाले लकदी के दरवाजे से बना था फिर लोहे क धातु से बना था और अंत मे फिर से लोहे क दरवज्जे से बना था, जिसे कैबिनेट B कहते है |
Cabinet B: ये दरवाजा है, जिसे नाग परशाम नाम, क बंधन से
किया गया है, उस दरवाजे क बारे मे लोगो की राय ये है की उसमे दरवाजे A से ज्यादा धन्यवाद मिलने की संभावना हैं, चुकी उसके दरवाजे पे कोबरा का निशान बना हुआ है जिससे देख क लवटा है क उससे जुडा कोई चेतावनी है जो ये बताता है की उस दरवाजे क खोलने से भयंकर तबाही हो सकती है, ऐसा इसलिए क्जुकी सुन्दर राजन जिन्होंने मंदिर क दरवाजो को खोलने क लिए कोर्ट मे अप्पील दायर की थी, मंदिर खुलने क बाद अचानक उनकी तबियत ख़राब हुई और वो नहीं रहे, ये चेतावानी है उस मंदिर की और से क जिसने व इस दरवज्जे को खोलने की कोशिश की तो अंजाम ठीक नहीं होगा |
उस दरवाजे को सिर्फ वही इंसान खोल सकता है जो विष्णु भगवान का परम भक्त हो और गरुड़ मन्त्र ैस्ट रूप से याद हो, ज़ब वो उस मन्त्र को दरवाजे क पस पढ़ेगा तो दरवजा खुल सकता है अथवा नहीं |
कहते है san1861 मे पुजरियो ने मिलकर उस दरवाजे को खोलने की चेष्टा की थी और वो कामयाब व हुए, लेकिन उसके बाद जो हु वो बहुत ज्यादा डराने वाला था, कहते है जैसे ही दरवाजा खुला कई सर वला किंग कोबरा दवरा क पास आकर बैठ गया, िज़्के साथ ही असंख्य तरह तरह क नागो ने रास्ता अवरोध कर दिया, इसके बाद अजीब अजीब सी आवाजे सुनाई पड़ने लगी जैसे कहीं पानी भर रह हो, ये दृश्य देख कर सरे हक्के बक्के रह गए, और बस किसी तरह से व उस दरवाजे को बंद करके कव ना खुलने का मन्त्रस्थापित करवा दिया, जुलने व वाह मंजर देखा, सबने कहा क अगर उस दरवज्जे को खोला गया तो प्रलय आ जाएगा, और धरती पुन्ना जलमग्न हो जाएगी |
इस से तो यही पता चलता है की वाह दरवाजा कोई आम दरवाजा नहीं है न जाने कितना बिशाल रहस्य छुपा है उस दरवाजे क पीछे, क्या सच मे उस दरवाजे क खुलते ही पृथ्वी जल मग्न हो सकती h? आपको क्या लगता है अपनी राय अवश्य दे !!
तो ये था रहस्य पद्मनाभ सूर्य मंदिर का |
~~~~~~~~~धन्यवाद ~~~~~~~~~~~~~~~
इंग्लिश अनुवाद
Padmanabha Swamy Temple:
There will be many such people in India who will not know about this temple, because the splendor and mystery of this temple makes it so attractive that everyone wants to solve its mystery.
Do you know that this is the only temple whose discussion has spread abroad, and that is because no one could imagine the treasure that India got from this temple in 2011. That treasure was so huge that India's economy could be cured 5 times with that treasure.
Whoever came to know about Padmanabha Swamy temple all were shocked.
This temple was built by the kings of Travancore in the 6th century, which was finished in the 9th century.
This temple located in Thiruvananthapuram in Kerala was established by Maharaja Markandeya in the 17th century, he was himself a great devotee of Lord Vishnu, hence, described himself as the slave of Padmanabha Swami.
There was great calamity in his heart, he decided to offer all his treasure at the feet of Lord Vishnu.
It is said that till 1947, the kings of Travancoe ruled Thiruvant Puram, after that all the property is under a trust, which looks after the temple, and Sahi families are ready every moment in the service of the temple.
The most special thing about this temple is that the form of Lord Vishnu is shown here, it means to say that you can do the statue of Lord Vishnu in the womb of the temple from outside the door, it can be done from outside the door. You have a wonderful construction that was done by the painters and craftsmen of that period.
Not only this, the five-storey building in this temple has been built in such a way that whenever the sun comes out, when looking from one place, every sun
Passing through that storey of time, where the place is kept vacant, such a unique scene which is not a unique work in itself, makes this temple special.
Now let's go to its womb where a large stone statue of Lord Vishnu is present, is seen and seen by the people, as well as a straight line that goes towards Cabinet A and Cabinet B.
Cabinet A: This is the door that opens
As soon as the eyes of the people were torn, it means that this much, gold, silver, rubies, emeralds, rubies, diamonds, and how many precious gems were found, gold figurines, gold gems, gold vessels, gold Table chairs, an idol of God made of gold, which was quite a turn, all of them were found, while there was a second door and one made of frosted wood then made of iron metal and finally iron again. Made of Darwajje, which is called Cabinet B.
Cabinet B: This is the door, which is named Nag Parsham, A Bandhan
Has been done, the opinion of the people about that door is that it is more likely to be thanked by door A, there has been a cobra sign on its door, so that we can see that there is a warning related to it. It is said that opening of that door can cause terrible destruction, so it is because of the handsome Rajan, who filed an application in the court to open the door of the temple, after the opening of the temple, his health suddenly deteriorated and he is no more, this is a warning If you try to open this door and the door of that temple, the result will not be good.
Only the person who is a supreme devotee of Lord Vishnu and the Garuda Mantra can remember that door, when he reads the door of that Mantra, the door can open or not.
It is said that in san1861, the priests together tried to open that door and they succeeded, but what happened after that was very intimidating, as soon as the door opened, many Sir Vala sat near King Cobra Devra. , Along with a number of different types of nagos blocked the way, after this strange strange sounds were heard as if there was water, all of them were surprised to see this scene, and just somehow and that door was After closing, got the mantra not to open, saw the procession and wow, everyone said that if that door was opened, the holocaust would come, and the earth would be submerged.
This shows that Wah Darwaza is not a common door, no matter how much secret is hidden behind that door, can the earth really be immersed in water as soon as that door is opened? Do you think you should give your opinion !!
So this was the secret of Padmanabha Sun Temple.
~~~~~~~~thankyou~~~~~~~~~~
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