ये क्या ! भूमि जब भी चुडि बेचने वाला आता है तू केवल हरी चुडिया ही क्यू लेती है, और भी तो है, देख कितने सुन्दर सुन्दर रंग बिरंगी चुडिया,, ये पिली वाली कितनी अच्छी लग रही है, मेरी मान तू ये ले तुमपे अच्छी लगेगी,
इससे पहले की सृस्टि कुछ और कहे, "भूमि सृस्टि की बात टालते हुए हरी चुडिया हाथो मे लिए घर के अंदर चली जाती है "
सृस्टि भी नीली रंग की चुडिया हाथो मे पहने भूमि के पास आकर कहती है, और कितना इंतजार करना है उस फौजी बाबू का !
भूमि बस मुस्कुरा कर बात टाल जाती है, तभी भूमि की माँ कहती है सृस्टि बेटा तू ही समझा इस पगली को, मेरी बात तो सुनती ही नहीं है अब श्रवण नहीं आने वाला है, सृस्टि भूमि को समझती है, कितने दिन शादी के लिए मना करती रहेगी, तू मेरी मान इस रिश्ते को हा कर दे, मैंने लड़के की फोटो देखि है, सब अच्छे है उसके परिवार मे, तू खुश रहेगी वहा, कुछ देर रुककर सृस्टि भी अपने घर चली जाती है |
भूमि हर बार की तरह फिर से अपनी यादो मे खो जाती है "जैसे कल की ही तो बात हो, जब उसके घर के ठीक सामने आर्मी की एक टुकड़ी उस गाँव की रखवाली के लिए आयी थी,
उस गाँव से थोड़ी ही दूर पर जंगल था, जहा बड़े खूंखार डकैतों का डेरा था, उन्ही डकैतों के आतंक से बचाने के लिये सरकार ने वहा स्पेशल फोर्स का जस्ता तैनात किया था |
रामनवमी का पर्व था, भूमि सृस्टि दोनों दशहरे के मेले मे घूमने गए हुए थे, तभी दो डकैतों के वहा आ जाने से पुरे मेले का सत्यानाश हो गया, और गाँव वालो को उन डकैतों के कहर से आर्मीवालो ने ही बचाया था, उन आर्मीवालो मे एक नौजवान जिसका नाम श्रवण था, उसने सृस्टि और भूमि को सुरक्षित घर तक पहुंचाया था, जिसके लिए दोनों परिवारो ने श्रवण को तहे दिल से शुक्रिया किया , श्रवण एक नेक और अच्छा लड़का था, जिसकी तारीफ सभी करते थे, भूमि मन ही मन मे श्रवण को पसंद करने लगी और सायद श्रवण भी भूमि को चाहता था पर कभी कह नहीं पाया |
एक रोज़ जब भूमि और सृस्टि चुडिया ले रही थी तो श्रवण भी वही से गुजार रहा था, और रुककर भूमि को कहा.... "भूमि तुमपर हरी चुडिया ज्यादा अच्छी लगेगी, इतना सुनते ही भूमि ने हरी चुडिया झट्ट से उठा लिया....
धीरे धीरे दोनों एक दूसरे के नजदीक आ रहे थे,, एकदिन श्रवण ने भूमि से अपने मन की बात कह ही दिया, कहा.......भूमि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ,मैं घर जाते ही माँ पिताजी से हमारी शादी की बात करूँगा, अगर तुम बुरा ना मानो तो मैं ये चुडिया तुम्हे खुद पहना सकता हूँ, जो मैं तुम्हारे लिए लेकर आया था,,,,,,,,,
भूमि ने शरमाते हुए हा कर दी.................
फिर उसके अगले हप्ते ही आर्मी के जस्ते को किसी कारण वस वो गाँव छोड़ने का आर्डर आ गया,
और श्रवण ने जाते हुए भूमि से हुए कहा...... मैं जल्द आऊंगा, मेरा इंतजार करना,,, आज चार साल बीत चुके है इस बात को लेकिन भूमि का इंतजार ख़त्म नहीं हुआ था |
उसके घर वाले भूमि के लिए रिश्ते देख रहे थे जिनमे एक रिस्ता उनलोगो को भा गया, बहुत जल्द ही मँगनी की रस्म होने वाली थी, अगली सुबह जब भूमि जगी तो उसे श्रवण की आवाज सुनाई दी, भागी भागी वाह बरामदे मे आयी तो उसने देखा सच मे श्रवण बैठा उसके माँ पिताजी से बात कर रहा था,,, भूमि को देखकर श्रवण की आँखो मे आंसू आ जाते है,
श्रवण ने बताया के गाँव को छोड़कर जाने के बाद श्रवण को बॉर्डर पर तैनाती के लिए दिया गया था, जहा दुश्मनो ने अचानक हमला कर अनेक सैनिको को घायल कर दिया, उनमे श्रवण को भी पैर मे गोली लगी थी, जिसके कारण मैं बहुत समय के लिए डॉक्टरों की निगरानी मे था, अब मैं पूरी तरह से ठीक हो चूका हूँ, और आर्मी भी ज्वाइन कर ली है, मैंने हमारी शादी के लिए माँ पिताजी से बात कर ली है वो राजी है, इसलिए अब मैं यहाँ आपसब से मंजूरी लेने आया हूँ |
भूमि से श्रवण कहता है....... लो, देखो मैं आ गया, और अपने बैग से हरी चुडिया निकाल कर भूमि के हाथो मे पहना दिया, भूमि के ख़ुशी का ठिकाना ना था |
हर कोई श्रवण को देखकर खुश था, फिर सारे परिवार की रजामंदी मे भूमि और श्रवण की शादी हुई, और इस तरह से एक विश्वास टूटने से बच गया |
~~~~~~~~~धन्यवाद ~~~~~~~~~~~~~~~~
इंग्लिश अनुवाद
what is this ! Whenever the land seller comes, you only take green chudai, why is it, see how beautiful beautiful colorful chudiya, this yellow one looks so good, I believe you will like it,
Before the creation says something else, "The green tree goes inside the house with the hands, avoiding the creation of the land"
Sristi also comes near the ground clad in blue colored hands and says, how much to wait for that military babu!
The land simply stops smiling, then the mother of the land says, creationist son, you understood this madman, I do not listen to you, now hearing is not going to come, creationi understands the land, how many days to marry Will keep doing this, you make me respect this relationship, I have seen the picture of the boy, all is well in his family, you will be happy there, after a while, the creation also goes home.
The land is lost again in its memory like every time. "As for tomorrow, when an army contingent came in front of her house to guard the village,
Just a short distance away from that village was a forest, where there was a camp of big dacoits, the government had deployed a special force zinc to protect them from the terror of those dacoits.
It was the festival of Ramnavami, both the land creators had gone to visit the fair of Dussehra, when the two dacoits came there, the entire fair was destroyed, and the villagers were saved by the havoc of those dacoits, in those armies A young man named Shravan had taken Sastri and Bhoomi to a safe house, for which both the families thanked Shravan whole heartedly, Shravan was a noble and good boy, who was praised by all, Bhoomi in his heart. Started liking Shravan and Sayed Shravan also wanted land but could never say.
One day while Bhoomi and Srishti were taking chudiya, Shravan was also passing by the same, and stopped and said to the land…. ”Bhoomi will like you more than the green chudiya, on hearing this, Bhoomi lifted the green chudiya from the jiggery .. ..
Slowly, the two were coming close to each other, one day Shravan said his mind from the land, said ....... land, I want to marry you, I got married to mother and father I will talk about, if you do not mind, I can wear these dolls myself, which I brought for you ,,,,,,,
Bhoomi blushed and blushed .................
Then the next week, the order of the army's zinc was left to leave the village for some reason,
And Shravan said while going to the land …… I will come soon, wait for me ,,, today four years have passed this thing but the wait for the land was not over.
Her housemates were looking for a relationship with the land, in which a friend liked them, very soon the ceremony of Mangni was going to take place, the next morning when the land was awakened, she heard the sound of hearing, Bhagi Bhagi Wah came to the verandah, she saw In fact Shravan was sitting, talking to his mother, father,, seeing the land, tears come in the eyes of Shravan,
Shravan told that after leaving the village, Shravan was given for deployment on the border, where the enemy suddenly attacked and wounded many soldiers, they were also shot in the leg, due to which I was very long I was under the supervision of the doctors, now I am fully recovered, and the army has also joined, I have talked to my father and mother for our marriage. I am
Shravan says from the ground…. Look, I have come and removed the green chudiya from my bag and put it in the hands of the land, there was no place for happiness in the land.
Everyone was happy to see Shravan, then Bhoomi and Shravan got married at the consent of the whole family, and thus survived a breaking of trust.
~~~~~~~~~ Thank you ~~~~~~~~~~~~
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