द डिएगो मैराडोना ( एक असाधारण फुटबॉलर )

 द डिएगो मैराडोना ( एक असाधारण फुटबॉलर )

द डिएगो मैराडोना ( एक असाधारण फुटबॉलर )


 महान फुटबॉल खिलाडी डिएगो माराडोना एक जीनियस थे, असाधारण काबिलियत के साथ कई बार बदनाम भी हुए, आइए जानते हैं आज फुटबॉलर डिएगो माराडोना की ब्यक्तिगत कहानी, 

मेराडोना का जन्म गरीब परिवार में हुआ था, 
तीन बेटियों के बाद में पहले पुत्र थे, उनके दो छोटे भाई हैं वह भी पेशेवर फुटबाल खिलाड़ी है, 

10 साल की उम्र में माराडोना एक प्रतिभा स्काउट द्वारा चयनित किए गए सर्वे पड़ोस में रोजा स्ट्रेलक क्लब से खेलना आरम्भ कर दिया था, 

मशहूर किस्से के अनुसार मेरे दोनों के किसी भाई ने उन्हें एक फुटबॉल लाकर दिया, वे उस फुटबॉल को इतना पसंद करते थे कि वह रात को सोते समय भी फुटबॉल लेकर ही सोते थे, दिन-रात फुटबॉल से खेलना और निरंतर अभ्यास ने उन्हें एक अच्छा फुटबॉल बनने के लिए प्रोत्साहन दिया, 

 मात्र 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल जगत में उन्होंने कदम रख दिया था कब से छोटे और शरीर से थोड़ी मोटे होने के बावजूद उनके हुनर से पता चलता था की वे कोई सामान एक खिलाड़ी नहीं थे, 

20 अक्टूबर 1976 में माराडोना ने अपनी सलामी सालगिरह से 10 दिन पहले अर्जेंटीनोस जूनियर्स के साथ पेशेवर शुरुआत की थी, जिसके बाद वे इतने फेमस हो गए कि उनकी सेवाएं पाने के लिए 18000 पाउंड की बोली लगाई जाने लगी, 
 
1982 के विश्वकप के बाद जून में मैडोना और समय के विश्व रिकॉर्ड कीमत 5 मिलीयन पाउंड पर उसमें में बार्सिलोना के लिए अवतरित हुए, 

उभरते कैरियर के दौरान ही एक मुठभेड़ में उनके पैर टूट गए, जिसके बाद अपनी आंतरिक शक्ति और बुलंद हौसले से पुणः मैदान में वापसी की, 

मैराडोना अपनी पेशेवर कैरियर की सबसे बुलंदियों पर पहुंच चुके थे,  जल्द ही क्लब के अलावा दुनिया भर के लोगो मे चहिते खिलाडी बन गए, उनके खेल को हर जगह सराह जाने लगा, कहा जाता है कि माराडोना के पास चतुराई तेरी चौकड़ी नजर फुटबॉल को काबू में रखने की क्षमता और कई ऐसे गुण थे जिनकी मदद से भी कभी कबार खेल मे हार को ढक लिया करते थे, 
 
माराडोना ने अर्जेंटीना के लिए 91 मैच खेले जिनमें उन्होंने करीब 34 गोल दागे,  लेकिन यह तो उनके अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कैरियर का एक छोटा सा अंशमात्र था

 उनके खेल इतनी दमदार होती कि दर्शकों की सांसे थमा देते, एक बार की घटना नहीं थी, ऐसा कई बार हो चुका था, 
मेराडोना 1987-88 सीरीज में सर्वाधिक स्कोर करने वाले खिलाडी रहे, 

वे लगातार कई वर्षों तक फुटबॉल कैरियर में बुलंदियों पर रहे, और अपनी टीम को शिखर पर पहुंचा दिया, एक खेल के दौरान बीबीसी के कमेंटेटर बैरी डेविस ने कहा था कि यह एक शानदार गोल था कोई संदेह नहीं है की मरिराडोना एक "फुटबॉल जीनियस" है, 

 1989 मे उन्होंने अपनी लंबे समय की मंगेतर क्लाउडिया विलाप आने से शादी कर ली थी 

नेपाली जैसे बड़े और नामी क्लब से खेलने वाली मैडोना को इतनी सूरत मिली को इससे बहुत तंग आ गए एक बार उन्होंने कहा था कि यह एक बेहतरीन जगह है लेकिन मैं यहां मुश्किल से साथ ले पाता हूं मैं आजाद और बेफिक्र होकर घूमना चाहता हूं मैं किसी आम इंसान की तरह ही रहना चाहता हूं, 

धीरे-धीरे उन्हें कोकीन की लत लग गई
धीरे धीरे उनके व्यक्तिगत जीवन में समस्याओं की वृद्धि होने लगी, 

 धीरे-धीरे उनके अंदर तनाव बढ़ने लगे जिस कारण उन्हें खेल और अभ्यासो से दूर रखा जाने लगा, 

फुटबॉल क्लब द्वारा उन पर 70000 अमेरिकन डॉलर का जुर्माना लगाया गया, इसी दौरान एक नाजायज बेटे को लेकर निंदा का सामना करना पड़ा और कैमोरा के साथ अपनी कथित दोस्ती के कारण संदेहो से घिरे रहे, 

 1982 में पहली विश्व कप खेलने के बाद लगातार उन्होंने 1986, 1990 और 1994 के विश्व कप में खेले चुके थे, ये बात और थी की 1994 के फीफा विश्व कप में माराडोना केवल 2 मैचों में खेल सके, 

 1991, के ड्रग टेस्ट पॉसिटिव आने पर 15 महीनो के लिए उनपर प्रतिबंध लगाया गया, 

 इसके बाद 1994 में अमेरिका में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप में ड्रग डोज़ पॉजिटिव आने के बात टूर्नामेंट मे प्रतिबन्ध लगा दिया गया, 

 1997 में तीसरे पॉजिटिव टेस्ट के बाद प्रोफेशनल फुटबॉल कैरियर से रिटायर हो गए

 मैडोना के प्रशंसक दुनिया भर में फैले हैं, 

 इसी महीने के शुरुआती दिनों में दिमाग में खून के थक्के जमीन होने के कारण उनका एक ऑपरेशन किया गया था जो ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा था उसके बावजूद, 

25 नवंबर 2020 को 60 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के कारण माराडोना का निधन हो गया, जिसके कारण उनके फैंस शोक मे है |




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