सफ़ेद और काली परछाई

कुछ अच्छा और बड़ा करने निकलो तो बधाएं भी बड़ी बड़ी हीं आती है,

ना जाने ऐसी क्या दुश्मनी थी, हमारी उस वीरान जगह से जिसके कारण हमारा परिवार निशाने पर था,
ख़ुशी से ज्यादा गम का बसेरा हो चला था, और इसके पीछे का कारण जानने की ना तो किसी को पड़ी थी, और ना कोई इन सब मे पड़ना चाहता था,

इस बिच एक खाश मकसद्द से काम कर रही दीप्ती, जिसके अंदर स्परिचुअल शक्ति थी, जो किसी भी अच्छे और बुरे चीज का पहले हीं आभास कर सकती थी, उसे ऐसा आभाष हुआ जैसे उसका परिवार किसी काली शक्ति से पीड़ित है,

बार बार यह एहसास उसे परेशान करता रहता था, जिसके बाद भी वह अपने कार्य करती रही,

वह अपने आस पास हमेशा एक सेफद परछाई को पाती थी, जैसे हर पल वह उसकी हिफाजत के लिए उसके आस पास हो, हर खाश मौक़े पर दीप्ती को सफ़ेद परछाई नजर आती थी, यहां तक की उसके बच्चे के जन्मदिन पर भी वह मौजूद था, जैसे वह भी बधाई दे रहा हो,

लेकिन एक दिन काली शक्ति के इरादे जानने के बाद दीप्ती अपने और अपने परिवार के प्रति सचेत हो गयी, और उसने उसकी जानकारी अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी दे दी,

वह काली शक्ति कोई और नहीँ उसके गाँव की एक परिचित हीं थी जो, किसी कारणवाश पुरे परिवार का बुरा करने पर तुली हुई थी,

ज़ब उसे पता चला की इस परिवार को उसके खेल की जानकारी हो चुकी है तब वह, दया की उम्मींद लिए पीठ पीछे बड़े कारनामो को अंजाम देने दोबारा आई,

इस बार तैयारी पक्की कर चुकी थी, इसलिए दीप्ती के घर मे रहने वाले सफ़ेद परछाई जो दीप्ती की रक्षा करता था, उसे वहा से मंत्र क्रिया द्वारा हटा दिया,

एक दिन आरती के दौरान दीप्ती ने काली परछाई को देखा, पर उसे कुछ समझ नहीँ आया, वह अबतक उसके पीछे चल रही साजिश से अंजान थी,

पर उसे महसूस हो रहा था की कुछ बदलाव बदलाव सा है घर का वातावरण से लेकर घर मे रहने वाले सदस्यों की तबयत मे भी बदलाव आने लग रही थी,

अगली सुबह दीप्ती की बहन घर मे आने वाली थी, उसी सुबह को उसे मृत पूर्वजो द्वारा दिए गये स्वप्न प्रीति भयभीत थी, और उसने दीप्ती को आकर उस स्वप्न के बारे बताया,

दीप्ती को पहले कुछ समझ नहीँ आया, थोड़ी देर बाद वह समझ चुकी थी की यह एक सन्देश था, की वे किसी मुश्किल मे है, और संकट हमारे परिवार से भी ज्यादा दूर नहीँ है,

इसके बाद दीप्ती के घर काली परछाई अपना कार्य करने लगी, जिसके कारण दीप्ती का किसी कार्य मे मन ना लगना, भोजन मे अरुचि, और रात को अजीबो गरीब सपने आने लगे,

सोते समय दीप्ती के पैरो मे गुदगुदी होना, दीप्ती के पैरो मे अजीब सा स्पर्श होना, एक बड़ा संकेत था, की कुछ सही नहीँ है,

वह काली शक्ति दीप्ती को बस किसी तरह उलझा कर रखना चाहती थी, या फिर इससे भी कुछ बड़ा करने की चाह थी,

ताकि वह अपने अगले मकसद्द मे विफल ना हो,

दीप्ती अच्छी बुरी एनर्जी को महसूस कर सकती थी, लेकिन ज़ब वह सफ़ेद परछाई को देखती थी, तो वह सिर्फ नजर का फेर सा था, और उसके देखने के बाद भी दीप्ती ने किसी तरह की बदलाव नहीँ महसूस किया था,

लेकिन ज़ब वह काली परछाई को देखती थी तो, उसकी धड़कन बंद होने जैसा महसूस होता था, और उसके बाद
मन अशांत रहने लगता, रात मे सोना भी उसके लिए एक मुसीबत से कम नहीँ थी |

लेकिन अगली सुबह दीप्ती ने अपनी दिनचर्या मे बदलाव किया, और देखते हि देखते, वह काली परछाई ने दीप्ती के घर से दफा हो गयी,

कई दिनों तक के बाद उसे पहले की तरह मीठी मीठी खुशबू आने लगी, जिससे वह समझ चुकी थी, के वह सफ़ेद पर्छई पुनः उसके पास लौट चुकी है, जिसके बाद घर और घर के लोगो मे भी सुधार हो चूका था |

दीप्ती ने महसूस किया के अच्छा बुरा सब अपने हाथ मे हि होता है, केवल आपका शुद्ध आचरण और सही दिनचर्या हि आपका भविष्य सुधार सकते है, जिसके लिए प्रयत्न करना हमारी जिम्मेदारी है |

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