जीत - हार : अधूरी कहानियाँ 2020

ये कहानी काल्पनिक तथ्यों पर आधारित है,

Description :


बाहरी देशो मे सुनामी या समुन्द्र से बड़ी लहरे आना तो आम बात है,.मगर भारत मे समुद्री लहरे का आवश्यकता से अधिक ऊपर आना ही किसी बड़े खतरे की आहट मानी जाती है, ये कहानी भी समुद्र की ऊपर उठती लहरों मे फसे एक जहाज की है, तो कहानी की शुरुआत ऐसे.होती है

Story


शहर के एक जानेमन और चर्चित चेहरा राजेश जिसने हाल मे ही अपनी पहचान बनायीं है, कामयाबी के शिखर पर जाकर भी अपने परिवार के सदस्यों के लिए समय निकलना उनकी खूबीयों मे एक थी,

राजेश को अपने नाम और पहचान बनाने मे मुश्किलो भरा सफर तय करना पड़ा था, लेकिन आज वह एक कामयाब सख्श है, इसबात पर उसे अभिमान भी है, क्यूकी उसके हिसाब से वह शहर का सबसे नामचीन ब्यक्ति था,

एक दिन जब उसके भाई और बहनो ने समुन्द्र के 4 दिवसीय सफर के लिए जिद्द की तो, बगैर किसी तर्क के राजेश ने उस सफर की बुकिंग रिज़र्व करवा दिया,

सभी बहुत खुश थे, क्युकि वेसब पहली बार जलीय यात्रा के लिए जा रहे थे, उस यात्रा के लिए उनकी उत्सुकता इतनी अधिक थी की पहला दिन किस तरह से बीत गया उन्हें समझ ही नहीं आया,

 जहाज के अंदर सबके पर्सनल कमरे बने हुए थे, जहाँ वे आराम से TV देख रहे थे, बाहर जहाज मे 4 -5 हजार लोग और थे, जो सभी अपने तरीके से शिप पर मनोरंजन कर रहे थे,

जहाज मे एक बार भी था, जहाँ कुछ विदेशी सैलानी बीयर वगैरह पिने का लुफ्त उठा रहे थे, सभी बहोत खुश थे,

राजेश पल पल की खबर लेता रहता था, समुन्द्र मे कभी कबार नेटवर्क मिलना बंद पड़ जाता है, जिसकारण राजेश के घरवाले परेशान हो जा रहे थे,
राजेश उन्हें समझा रहा था...........
" परिवार से दूर बच्चो के लिए ये पहली बार तो नहीं था पर समुद्री यात्रा के नाम से माता पिताजी ख़ौप खा रहे थे,"

जहाज पर सब अच्छा चल रहा था की अचानक कप्तान को  समुद्री लहरों से बने बड़ी सी ज्वार उठने के सिग्नल मिलने लगे, अचानक समुद्र मे हो रही हलचल शांत होने के बजाय ऊपर उठता जा रहा था, जिससे कप्तान और बाकि के क्रू मेंबर्स चिंता मे पड़ गये,

उन्होंने जहाज की दिशा मोड़ने का फैसला लिया, जबकि वह जल सैलाब उनसे बहुत अधिक दूर नहीं था, धीरे धीरे  यह बात जहाज मे मौजूद सभी लोगो तक भी पहुंच गयी, जिससे अफरा तफरी मच गयी,
सभी भयभीत थे.......................

यह एक बड़ी खबर थी, इसलिए न्यूज़ चैनल पर आग की तरह फ़ैल गयी, जहाज पर लगभग 4 हजार लोग फसे थे, जिनमे कई दर्जन Vip लोगो भी शामिल थे, जिनके लिए प्राइवेट हैलीकाप्टर की सेवा से उन्हें सुरक्षित निकाला जा रहा था,

जहाज मे राजेश के भाई बहन फसे हुए थे, लेकिन जबतक उनका नंबर आएगा, बहुत देर हो जाएगी , इधर राजेश उन्हें बचाने के लिए अपनी पूरी कवायत झोक चूका था,

लेकिन उसका फायदा दीखता नजर नहीं आ रहा था,
" एक एक पल भारी था !"..........
सैलाब हर मिनट जहाज के नजदीक बढ़ रहा था, जिसकारण लगातार बारिश हो रही थी,

एक तो ख़राब मौसम, उसमे जहाज मे फसे यात्रियों को सुरक्षित निकालना मुश्किल होता जा रहा था,
 तभी एक रिंग बजी,
"ये फोन मिश अनीता का था " अनीता इसी शहर की रुतबेदार हस्ती थी, 

 उसे एक आम महिला समझ कर राजेश कई बार नजरअंदाज कर जाता, लेकिन उस ख़राब परिस्थिति मे अनीता के कहने पर राजेश के भाई बहन को सुरक्षित बचा लिया गया,

उसदिन राजेश को एहसास हुआ की वह एक महिला (अनीता ) से हार चूका है, 

Moral of the story : आगे बढ़ना अच्छी बात है, पर स्वम् को सबसे बढ़कर समझना गलत है |












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