क्या सच मे बाकी देशो की तरह हमारा भी देश मुस्लिम देश बन जायेगा...... मम्मा,
ये बात 17 साल की बेटी ने अपनी मा रश्मि से पूछा, बच्ची की बात टालते हूए मा ने ना मे जवाब दिया,
और प्यारी प्यारी बातो से अपनी बेटी का ध्यान किसी दूसरी जगह पर रश्मि ने केंद्रित कर दिया, पर बेटी के इस सवाल से वो भी चिंता मे थी क्या सच मे ऐसा हो जायेगा,
जिस तरह मुस्लिम हम हिन्दुओ के पीछे पड़े है, बेशक हिन्दू मुस्लिम मे मुस्लिम की आबादी कमी होती जा रही है,
हर दिन मुस्लिम लोगो की जनसंख्या ऐसे बढ़ रही है, जिसे रोकना सरकार के लिए भी आसान बात नहीँ रही, कोई ऐसा चौराहा नहीँ बचा, जहाँ वेलोग ना दीखते हो,
रश्मि अपनी छोटे से परिवार के साथ एक कॉलोनी मे रहती जहाँ सभी हिन्दू रहते थे,
समय बित्त रहा था, और साथ साथ आस पास के नज़ारे भी,
कुछ समय बाद हालात कुछ ऐसे बने जहाँ, कॉलोनी आधे से ज्यादा खाली हो गये, उड़ते उड़ते खबर आई....... एक मुस्लिम ब्यक्ति जो की खफी चर्चित है उसने कॉलोनी के कई मकान खरीद लिए है,
हिन्दुओ के साथ रहते रहते हमने कभी सोचा हीं नहीँ था, के आनेवाले समय मे हमें ऐसा भी दृश्य देखने को मिल सकता है, और हमारी किस्मत हमें वह दिखाने को तैयार बैठी थी...........
अब हर दिन अशांति होने लगी, उनकी घर मे मिलने जुलने वालो की कमी नहीँ होती, और हर आने जाने वाला जहाँ तन्हा थूक कर निकल देता,
जो वहां के रहने वाले बाकी लोगो को बिल्कुल पसंद नहीं आति, कुछ बोलने पर कई साईं धमकिया वापस ले आते, और कुछ हीं दिनों मे बोलने व्क़्लो के घरो मे कोई छोटी मोती विपत जरुर आ जाती,
धीरे धीरे सभी ने उनलोगो से मुँह लगाना हीं बंद कर दिया, पर मजाल है की उनकी कोई भी हरकत मे सुधार आई हो """
वे इतनी जल्दी एक से कई घर हो जायेंगे किसी ने सोचा भी नहीँ था, और मुसीबत हम हिन्दुओ के लिए हर दिन से अधिक बढ़ता जा रहा था,
एक दिन सुबह सुबह मोहल्ले वालो की आंखे फटी की फ़टी रह गयी, सब यही कह रहे थे....वे लोग इंसान है या सैतान,
बात ये थी की घर के ठीक पास मे हीं उनलोगो ने दो गयो को बंध रखा था, जिनमे एकj छोटा सा बछड़ा था, कुछ दिनों मे क़ुरबानी देने का उनलोगो का चलन था, इसी के लिए उनलोगो ने गयो को यहां बाँध रखा था,
कुछ हिन्दू भाइयो ने जाकर उनलोगो से कहा भी के ये सब यहां नहीँ चलेगा, पर सुनेगा कौन?
कॉलोनी के हर हिन्दू के अंदर इन मुस्लिमो के आने से एक दहशत जन्म ले चुकी थी, हालाकि अभी तक माहौल उतने भी खराब नहीँ हूए थे, फ़िरभी alaदहशत थी,
हिन्दुओ और मुस्लिमो मे एक बड़ी असामानता ये थी की हिन्दु जितना उनके धर्म से दूर रहते, और सबको अपने धर्म की तरह सम्मान देते, वे बिल्कुल उलट थे, और ये बात तब साबित हुई ज़ब राक्षसी प्रविर्ति वाले कुछ लोग हिन्दुओ के मंदिरो मे गोमाता के रक्त उढ़ेल आये,
अपमान की सीमा लाँघ चुके मुस्लिमो ने धीरे धीरे हर हिन्दुओ को परेशान करना शुरुआत कर दिया, खाने पिने की दुकानो मे भी बैठे हर चीज को गंदा कर लोगो को देते,
और इसमें अपनी शान समझते,
रश्मि के कॉलोनी से थोड़ी दूर पर अब एक मस्जिद भी बनने जा रहा था, जिसके कारन लोग दूर दूर से उस जगह पर मस्जिद बनने से पहले हीं आने लगे, और बन रहे मस्जिद के पास नवाज पढ़ते,
धीरे धीरे वह जगह हिन्दू भाई बहनो के रहने के काबिल ना रहा,
आवाज उठाने वाले लोग गायब हो रहे थे, और इस डरर से लोग चूप चाप वहां से निकल जाने मे अपनी भलाई समझने लगे,,,,,
वे लोग जान बुझ कर हिन्दुओ के पवित्र स्थान को बर्बाद करने लगे, उनका मात्र एक हीं एजेंडा था....
हिंदूवादीता पुरी तरह से खत्म कर देना,
और धीरे धीरे वही हो भी रहा था, रश्मि के परिवार वालो ने भी यहां के हालात देखते हूए कहीं और चले गये, और ऐसा लगभग सभी हिन्दू भाई बहन ने किया था
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