क्या ऐसा हो सकता है? अगर आपसे कोई अजनबी मिलना चाहता हो तो क्या वह मुझे अपना असली पता सपने मे बता सकता है,
कई बार मेरे दिमाग़ ये प्रश्न उठते रहते है, उसदिन आखिर ऐसी क्या बात हो गयी जो मुझे कोई अनजाना चेहरा सपने मे अपना पता दे गया,
हर इंसान के अंदर कोई न कोई खूबी होती हीं है,कोई पहले जान लेता है, कोई बाद मे, सपने मे मै अक्सर अनजाने जगहों पर गुम हो जाती हु, या मुझे तलासते हूए भी लोग आते जाते रहते है,
कई बार तो हद हीं जाती है डरावने लोग भी मिल जाते है, पहले डरर लगता था, और समझ भी नहीँ पाता था ये क्या और क्यूँ होता है , पर अब बात साफ है,
ऐसे हीं एक बार कई दिनों से मेरे आस पास एक परेशानी चल रही थी, और वह सुलझने का नाम हीं नहीं ले रहा था, फिर लगातार की जा रही मेरी और से कोशिश रंग लायी और मेरी वह मुसीबत टल गयी,
इसके बाद मै बहुत शुक्रगुजार थी ईश्वर का की आखिरकार उन्होंने सब ठीक कर हीं दिया, इसके बाद ज़ब रात को सोने के लिए मैंने अपनी पलकें बंद की.... तो एक अजनबी मेरे पास आये, मै सबकुछ साफ देख पा रही थी,
वे मेरे बारे मे मुझे बताये जा रहे थे, उम्र से 50-60 साल के रहे होंगे, और उनकी बिल्कुल सफ़ेद और बड़ी बड़ी दाढ़ी थी, इससे पहले तो मैंने कभी उन्हें नहीँ देखा,
वे मुझसे मेरे बारे मे इस तरह से बात कर रहे थे जैसे मुझसे ज्यादा उन्हें पता हो मेरे बारे मे,
मुझे थोड़ी हैरानी हो रही थी क्युकि वे मुझे कोई धर्म गुरू लगे, पर मेरी इतनी परवाह उन्हें क्यूँ,
बहुत सारी बातें कहीं जो शायद मै खुद नहीँ जानती, की सच मे अगर मै ये सब करूंगी तो मेरी जिंदगी और बेहतर होगी,
सपने मे कोई ऐसा ब्यक्ति मिलना जो आपके बारे मे बात करे, और आपके अंदर की अच्छी बुरी चीजों को आपको बताये, ये मेरे लिए बड़ी बात थी,......
एक और शक्श था, उने साथ जिसे उन्होंने एक जलन मेकइड कर रखा था, और ये भी बताया की अगले एक घंटे मे यह मर जायेगा, और यह मेरा उसके लिए दंड है,
वह बात तो मेरे समझ की बाहर की थी पर मै इतना जरुरत समझ गयी की वह भी कोई आम ब्यक्ति नहीँ थे,
पर जाने किस बात का दंड दे गये उस ब्यक्ति को, इतने मे उधर से उनकी चार शिष्य वहां आ पहुँचे, और एक अच्छे नाम के साथ उनका सम्बोधन किया,
वे लोगो के आते हीं वह अंजान ब्यक्ति उनकी साथ चलने को तैयार हो गया, और मुझे उन्होंने बताया की मै यही पास मे रहता हु, तुम्हारे घर से दूसरी गली मे,
इतना केह वे उन चारो के साथ चले गये, मै सुबह उठी, मुझे उनकी सारी बातें याद थी, और दिमाग़ मे बस वह दूसरी गली कौन सी है, मै यही सोच रही थी,
मैंने अपने आस पास के सभी गली के नक्शे को मैप मे निकाल कर बैठ गया, पर कुछ समझ नहीँ आया, ज़ब भी घर से बाहर निकालना होता तो पहले रास्ता सड़क कुछ भी नहीँ ध्यान देता पर अब एक एक कदम पर क्या क्या चीजे है, ध्यान से देखता चलता,
दिन बीतते रहे, महीने भी बीते, एक दिन किसी काम से मै बाहर था, और अचानक हूबहू शक्ल वाला इंसान मुझे अपने सामने दिखा, जैसा उसदिन अपने सपने मे देखा था मैंने, वह अपने छत पर इधर उधर देखता टहल रहा था, वैसी हीं कद काठी, वैसी हीं दाढ़ी,
अजीब बात थी, उसने मुझे देखा तक नहीँ, मै बिल्कुल सामने से गुजर गया, उसकी नजर भी मुझपर नहीँ पड़ी, मेरे मन मे आने वाला पहला प्रश्न यही था की क्या वह मुझे नहीँ जनता?
पर उस दिन सपने मे तो उन्होंने मेरी कितनी सारी बातें मुझसे कही,,,,,,,,
तो क्या सपने की दुनिया मे लोग भी अलग होटल है,
मन हीं मन दिमाग़ मे ये बात भी चल रही थी की जैसा उन्होंने बताया था... तुम्हारे घर से ठीक दूसरी गली मे रहता हु मै,,,,
वे तो मुझे वहीं मिले, मतलब ये की मेरे बाकी सवालों का जवाब भी उनकी पास होगा, और मै जिस तरह की जीवन मे हु, हो सकता है उनका भी जीवन कुछ वैसा हीं हो, तभी तो सपने मे हम मिल पाए,
पर अगर ऐसे मै सामने जाऊं तो वो मुझे पहचानेंगे भी नहीँ........
सपने की पहचान तो सपने तक हीं सिमित रहेगी... फिर कैसे सुलझेगी मेरी पहेली......
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