भूतिया पीपल का पेड़

भूतिया पीपल का पेड़ :

पुरानी मान्यताओ के अनुसार पीपल के पेड़ की पूजा हमारे हिन्दू धर्म मे विशेष रूप से चली आ रही है, इसकी पूजा से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है, कहा जाता है, हमारे पितृ इसी पेड़ पर निवास करते है इसलिए इसे देवताओ का पेड़ भी कहा जाता है,, 

लेकिन, हर जगह पीपल के पेड़ की पूजा हो ये जरुरी नहीं होता, 

एक गाँव मे एक बड़ा सा पीपल का पेड़ था, जिसे सब भूतिया पेड़ भी कहते थे, वहा से तरह तरह की आवाजे आया करती थी, रात को वहा से गुजरना खतरे को आमंत्रित करने के बराबर था |

फिर कुछ लोग इन सब बातो को नहीं मानते थे ,, और रात को पेड़ के पास से होकर गुजर ही जाते थे,  जिसका हर्जाना उन्हें अगली सुबह किसी बुरी खबर से देना होता था,,, गाँव वाले उस पेड़ के करीब बिलकुल भी नहीं जाते थे, यहाँ तक की शाम होते ही सब अपने घरों मे कैद हो जाते थे |

एकदिन एक राहगीर रास्ता भटक गया और शाम होने के कारण आगे की राह तय करना उसके लिए मुश्किल हो गया,, भूतिया पेड़ की जानकारी ना होने के कारण वाह राहगीर उसी पेड़ के निचे आराम करने बैठ गया, और सोचा की अब सुबह होते ही यहाँ से निकल जाऊंगा,,,, 

जैसे ही रात के 12  बजे, उस पेड़ से तरह तरह की आवाजे सुनाई देने लगी, जैसे कई लोग एक साथ बात कर रहे हो, परन्तु उसे कोई भी नहीं दिखा, 

वाह राहगीर सात सालो के बाद शहर से धन कमाकर अपने गाँव वापस लौटा था, इसलिए उसे ठीक से रास्ता याद नहीं रहा,, थके होने के कारण उसकी आँख लग गयी, और वह सो गया |

पेड़ पर बैठे भूत उसे देखकर बहुत खुश हो रहे थे, आज एक नया शिकार आया है,, तभी उनलोगो ने राहगीर को परेशान करने की सोची, 

कोई पेड़ से टहनिया और पत्ते गिराने लगा, तो कोई उसे उठाने के लिए उसके पैर मे गुदगुदी करने लगा,,, तभी एक प्रेत उसके पैसो की गट्टर लेकर गायब हो गया , थोड़ी देर बाद जब उसकी आँख खुली तो गट्ठर ना पाकर वाह दुखी हो गया, और जोर जोर से रोने लगा, |"

उसे रोते देख सारे प्रेत उसके सामने इंसानि भेष मे आ खड़े हुए,, 

अचानक उस राहगीर की नजर पीछे खड़ी एक महिला पर पड़ी, और वाह उसके पास जाकर माँ माँ कहके रोने लगा,, 

ये देख सभी बहुत प्रेत हैरान थे, प्रेतयोनि मे जा चुकी उसकी माँ ने भी उसे नहीं पहचान पायी थी, क्युकी उसके मरने के समय उसका बेटा काफी छोटा था,, लेकिन बेटे ने माँ को पहचान लिया था,, 

उसकी माँ सामने आकर अपने प्रेत होने का रहस्य उसे बताती है, और कहती है की बेटा मैं तो तुझे देखने के लिए ही यहाँ रुकी थी, मेरे जाने के समय तू नहीं था, इसलिए मेरी आंखे हमेशा तुझे ही ढूंढती रहती थी,,, आज मुझे पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी |

बेटे ने कहा ऐसा मत कहो माँ, थोड़ी देर मेरे पास रहो, मैं तुम्हे बिलकुल तंग नहीं करूंगा................ माँ ने कहा ठीक है,,, थोड़ी देर बाद माँ ने उसे उसका गट्ठर और ढेर सारा आशीर्वाद देकर स्वर्गलोक चली गयी, '|

सुबह हो गयी थी, इसलिए सभी लोग जाग चुके थे, सबको उस राहगीर की कहानी मालूम हुई,,, वाह राहगीर अपने घर पहुंचकर जब गट्ठर खोला,  तो उसमे सोने के सिक्के और हिरे जवाहरात मिले, जिससे उसे कभी शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ी और उस पेड़ के सामने अपनी माँ के नाम का स्मारक भी बनवाया |

~~~~~~~~~धन्यवाद ~~~~~~~~~~~~~~~~
इंग्लिश अनुवाद 

Ghostly peeple tree :

 According to old beliefs, the worship of the peepal tree is particularly prevalent in our Hindu religion, its worship brings unbroken good fortune, it is said that our ancestors live on this tree, hence it is also called the tree of gods.  is,,


 However, it is not necessary to worship peepal tree everywhere,


 There was a big peepal tree in a village, which was also called all ghostly tree, there used to be different kinds of voices, passing through the night was equal to inviting danger.


 Then some people did not believe all these things, and would pass through the tree at night, which they had to pay for the next morning with some bad news ,,, the villagers do not go near that tree at all.  They were, even in the evening, everyone was imprisoned in their homes.


 One day a passer-by lost the way and it was difficult for him to make the way ahead as it was evening, due to lack of information about the ghostly tree, wow passerby sat down to rest under the same tree, and thought that now it is here in the morning  Will get out of


 As soon as 12 o'clock in the night, different sounds were heard from that tree, as many people are talking together, but no one saw it,


 Wow, the passer-by had returned to his village after seven years earning money from the city, so he could not remember the way properly, he got tired due to tiredness, and he fell asleep.


 The ghosts sitting on the tree were very happy to see him, today a new victim has come, only then they thought of harassing the passerby,


 Someone started dropping twigs and leaves from the tree, then someone started tickling her leg to pick her up, then a phantom vanished with a pack of money, after a while when her eyes opened she was not able to get the bundle.  Gone, and started crying loudly. "


 Seeing him weeping, all the phantoms came in front of him in disguise,


 Suddenly, the passer-by's eye fell on a woman standing behind, and Wow went near her and started crying crying,


 They were all very surprised to see this, their mother who had gone to haunt them did not even recognize her, because her son was very young at the time of her death, but the son had recognized the mother,


 Her mother comes to her and tells her the secret of her phantom, and says that son, I stayed here only to see you, you were not there when I left, so my eyes were always looking for you ,,, today  I will be completely liberated.


 Son said don't tell me mother, stay with me for a while, I will not tease you at all ................ Mother said, well, after a while mother gave him  With his bundle and a lot of blessings, he went to heaven.


 It was morning, so everyone was awake, everyone came to know the story of that passer, Wow, when the passer-by opened his house, he found gold coins and gold jewels, so that he never had to go to the city.  And in front of that tree built a memorial for his mother's name.

~~~~~~~~~~Thankyou ~~~~~~~~~~~~~

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