वो साया
हम कुलमिलाकर 12 बच्चे आज दादी से डरावनी कहानी सुनाने की जिद्द करने लगे, पहले यो दादी ने खा नही बच्चों रात हो गयी है तुम सब डर्र जाओगे,
हम भी कहाँ मानने वाले थे, अंत मे जीत हमारी हुई और दादी दसरावणी कहानी सुनाने के लिए तैयार हो गयी,
दादी कहती है ....
लगभग 50 साल पहले की बात है, जब मै मात्र 12 साल की थी, मेरे पड़ोस मे एक दुबली पतली सि दीदी थी, उनका नाम काजल था, काफी चंचल मन की थी, उनके बाल काफी घने और लम्बे थे, उसके दांत दूध की तरह सफ़ेद थे, इतनी शरारती के बड़े भी उससे परेशान रहते थे, हरदम हस्ती रहती थी,
पढ़ने मे काफी अच्छी थी, कभी कभी स्कुल पहुंचने वाला कोई ना होता तो मै उनके साथ ही स्कुल चली जाती, मेरे स्कुल से थोड़ी ही दूर पर उनका कॉलेज था, रास्ते मे एक समशान पड़ता था, इसलिए कभी हिम्मत नही हुई मुझे अकेले जाने की, पर काजल दीदी को तो बिलकुल डर नहीं लगता था, वो तो कही भी चली जाती थी,
एक बार मै गर्मीयो की छुट्टी मे अपनी बुवा के घर गयी हुई थी, उधर से लौटी तो दीदी के ब्यवहार मे काफी बदलाव देखने को मिला , हसना तो जैसे भूल गयी हो, किसी चीज को एक बार देखती तो लगातार आधे घंटे तक उसे देखती रहती, ना खाना खाती, ना किसी से मिलती जुलती, अचानक से उनमे आया ये बदलाव अपने आप मे एक रहस्य था,
अगले दिन जब मै घर पढ़ रही थी, तो सामने वाले घर से आयी एक चाची माँ को बता रही थी के, जबसे वो इलाहबाद से होकर आयी है , तब से बदली बदली है, घर मे भी सब बड़े परेशान रह रहे है, सुना है पूजा पाठ करना भी छोड़ चुकी है, जैसे ही पूजा पाठ की बात उठती पता नही कहाँ लापता हो जाती,
दोनों की बाते सुनकर मुझे भी कुछ अजीब लगा, मै झट दीदी के पास गयी, दीदी मुझे देख कर मुस्कुराई, मै भी वहा काफी देर थी, पर पहले की तरह मेरी उनसे ज्यादा बाते नही हुई,
अगली सुबह उनसे झूठ कहकर तांत्रिक के पास ले जाया गया, वहा जाकर पता लगा, दीदी पर किसी प्रेत का साया है, और वो कोई साधारण प्रेत नही है, तांत्रिक ने बताया की बच्ची की जान को खतरा है, वाह प्रेत इस बच्व्ही की जान लेना चाहता है,
वजह तो सब जान चुके थे, अब बारी उपाए की थी, उपाए के लिए उस तांत्रिक ने अगले सप्ताह तक का समय लिया,
हर शाम को अकेले अँधेरे मे घंटो बैठे रहना, खाना ना खाना, लोगो से ज्यादा ना मिलना, सबसे दूर दूर रहना अब ये सब बढ़ने लगा था,
तांत्रिक कुछ कर पाता, इससे पहले उस प्रेत ने अपना काम कर दिया, ओर अब काजल दीदी हमारे बिच नही थी |
क्या हुआ, कैसे हुआ सब एक रहस्य था, परिवार का हर सदस्य दुखी था,
उनकी कमी घर के हर सदस्य को खलती थी, कभी कभी घर के सदस्यों को एहसास होता की कोई साया घर मे 24 घंटे मौजूद है,
एकदिन उनके घर अचानक दरवाजे पर जोर की दस्तक हुई, दरवाजा खुलते ही एक बच्चा हफ्ते हफ्ते कहता है, काजल दीदी आयी है, इतना सुनते ही सभी सदस्य उस ओर दौड़ पड़े, वहा पहुंचकर देखा तो एक 30-40 साल की महिला खुद को काजल बता रही थी, पर लोग विस्वास नही कर पा रहे थे,
काजल दीदी की माँ उस महिला से पूछती है, की तुम काजल कैसे हो सकती हो,
वो कहती है मै ही काजल हूँ, माँ
ये महिला हर दिन मेरे बगीचे के जामुन चोरी करके ले जाती थी, आज मैंने इसे सबक सिखाने की सोची, इसलिए इसके शरीर मे आ गयी, (काजल )
तुम सच मे काजल हो (माँ )
हा माँ (काजल )
बेटा उसदिन तुमने अपनी नस क्यूँ काट ली (माँ )
माँ मैंने नहीं किया (काजल )
तो किसने किया (माँ )
माँ उस प्रेत ने मेरे हाथो से मेरा नस काट दिया (काजल )
वो प्रेत तुझे कहाँ मिला था, (माँ )
तुम्हे याद है माँ, मै इलाहबाद नानी के घर गयी हुई थी, एक दिन मै अकेले बाहर घूमने निकली हुई थी, तो मैंने देखा एक बड़ा सा कुवा है, उस कुंवे मे पानी भरा हुआ था, मै हाथ बढ़ कर पानी छूना चाह रही थी, तभी मुझे एहसास हुआ किसी ने मुझे धक्का दे दिया है, मै पानी मे गिर गयी, मुझे तो तैरना भी नही आता था, मै बस डूबने ही वाली थी के सामने से एक नौजवान लड़के का साया दिखा, उसीने मुझे पानी मे डूबने से बचाया, फिर मै घर वापस कैसे आयी, ये मुजगे याद नही,, मरने के बाद मुझे एहसास हुआ के उसने मेरे शरीर पर कब्ज़ा कर रखा था, मेरे मरने के बाद मै उसे देख पायी, मै अब अपने घर ओर बगीचे मे ही रहती हूँ, और तुमसब की हिफ़ाजत करती हूँ,
ये बाते सुनकर सभी के आंखे नाम हो गयी, फिर उस महिलाओ का शारीरिक छोड आत्मा चली गयी |
हमारी बदमाश टोली डर्र के मारे चुपचाप दादी से चिपक कर बैठे हुए थे,
तभी मेरे छोटे भाई ने पूछा, ऐसा हो सकता है क्या, मेरे शरीर मे कोई भी आ सकता है, तो दादी ने कहाँ की मुझे भी इसबारे मे ज्यादा नही पता,
बस जो लोगो से सुना वही तुम्हे बतायी हूँ, जाओ अब तुमलोग सोने जाओ वरना तुम्हे नींद नही आएगी, फिर हम बच्चे डरते डरते सोने चले गये |
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