Dushkarmi-Sadhu : पढ़े एक छल करने वाले साधु की कहानी : जाने उसकी शक्तियों को

मोहना के घर ख़ुशीया आने वाली थी, घर पूरा लोगो से भरा हुआ था, सभी बच्चे के इंतजार मे थे, आखिर तीन भाइयो मे सबसे लाडली मोहना मा बनने वाली थी,

मोहना अप्पने मायके मे थी, लेकिन उसके सास ससुर चाहते थे की बच्चे की पहली किलकारी उनके अपने घर मे ही गूंजे,

इसलिए कई महीनो से उसकी तैयारी चल रही थी,
सभी खुश थे, पुरे नौ माह गर्भवती होने पर भी मोहना सभी का ख्याल रखती थी, वह कभी अपने से छोटे बड़ो का अपमान नहीँ करती थी,

इसलिए हर कोई उसे सम्मान देता, घर से बाहर जाने से पहले उसके पति अक्सर उसकी फरमाइस जान लेते, और आते वक्त उसकी पसंद की चीजे ले आया करते,
घर खुशियों से भरा था, कमी थी तो सिर्फ उस बच्चे की जिसका इंतजार सभी कर रहे थे,,,,,,

" और वह घड़ी भी आ गयी " ज़ब बच्चे की पहली किलकारी गुंजी, सभी जिस पल का इंतजार कर रहे थे, वह घड़ी सामने थी,

सबकी ख़ुशी दुगनी हो गयी ज़ब नर्स ने बताया की आपके घर जुड़वाँ बच्चो ने जन्म लिया है,एक लड़का और एक लड़की थे 

पुराने रीती रिवाजों के अनुसार बच्चे के जन्म पर लग ढ़ोल नगड़े बजवाते है, इसलिए उन्होंने भी ऐसा ही किया,

इसी सब की मस्ती और जश्न मनाने से घरवाले पीछे ना रहे, धूम धाम से दोनों बच्चो के लिए स्वागत कार्यक्रम रखा गया,

इसके बाद घर के लोग अपने बाकी के कार्यों को निपटाने के लिए ब्यस्त दिखे, एक क्षण ऐसा आया, ज़ब बच्चो के साथ उनकी मा बिलकुल अकेली थी,

अचमक एक अजनबी उसके बगल मे खड़ा मिला, मा के कई बार पूछने पर भी उसने कुछ ना कहा?

वह महिला बार बार पूछे जा रही थी, आप कौन हो?

परन्तु उस ब्यक्ति ने जवाब देना जरुरी नहीँ समझा, और कुछ देर तक दोनों बच्चो को एकटक देखता रहा, फिर वहा से चल दिया,

घर के सभी लोग एकसाथ इतने ब्यस्त कभी ना दिखे, जाने ऐसी क्या बात थी जो वह ब्यक्ति यहां आया था, महिला अपने बच्चो के लिए भीतर ही भीतर परेशान हो रही थी,

और वही हुआ, जिसका डरर था, उन्दोनो मे से एक बच्चे की अचानक सांसे थम गयी, घर मे ख़ुशी का माहौल मातम मे बदल गया,

तब महिला ने बताया की उसने एक ब्यक्ति को देखा था जो अचानक मेरे सिरहने के पास आ खड़ा हुआ, जाने वह क्या चाहता था? उसके इरादे क्या थे?

यह खबर आग की तरह उस इलाके मे फ़ैल गयी, और इसी के बाद एक महिला वहा पहुंची...

वह एक मदारीन थी, जिसके घर सात बंदर, दो कुत्ते, चार बिल्लियाँ रहती थी,

वह घर के लोगो से बात करना चाहती थी, वह बताना चाह रही थी की उसके बच्चे के साथ क्या हुआ?

पर ये बात बिल्कुल अबिस्वसनीय थी की कोई बाहर की महिला घर के अंदर बीते घटना को कैसे बता सकती है, सभी शोक मे थे इसलिए किसीने उसकी बात सुन्नी जरुरी नहीँ समझी,

परन्तु उनके घर के सबसे बड़े बुजुर्ग ने कहा, जो केहना है कहो,,,,,,,,,,,,,

उसने बताया की आपके बच्चे की जान मेरे मालिक ने लि है, सभी चौक गये,

ऐसा कैसे हो सकता है, वह कब आया मेरे घर?

महिला ने कहा......." वे आये तभी ये हुआ, "

फिर उसने सारी बात बताई.........  महिला ने बताया की वह अपने जानवरो के साथ अक्सर आसपास सर्कस दिखाती थी, एकदिन आपकी बहु भी सर्कस देखने निचे उत्तरी,

वह गर्भवति थी, उसी समय आपकी बहुत ने हमारे गणेश को गोद मे लेकर, काफी समय तक अपने पास रखा, और खाने के लिए मूंगफली भी दी थी,

उन्होंने पूछा कौन गणेश?

महिला....... " हमारा बंदर है "

वह एक समझदार बंदर था, पर जबसे उसने मूंगफली खायी थी आपके बहु के हाथो से उसे क्या हो गया, वह हर वक्त जंजीरो के साथ आपके घर के आस पास भाग कर चला आता,

हमने कई बार उसे यहां उसे आपके द्वार पर बैठा पाया,,,,,

जाने उस जानवर की क्या समझ जो यहां से जाने का नाम ना लेता,

वह भूखा प्यासा आपके डर पर पड़ा रहता था, कभी कबार किसी की नजर पड़ती तो कुछ खाने को दे जाते,
हम सब बड़े परेशान रहते, जाने क्या बात थी, एक दिन बातो ही बातो मे मैंने अपने मालिक से पूछा लिया की यह बंदर तो अच्छा भला था, अचानक ऐसा क्यूँ हो गया?

तो मालिक ने बताया की वह बंदर उसी घर का बेटा था, जिसे मेरे गुरु ने चमत्कार से बंदर मे बदल दिया, उसने उस बंदर की जान लि थी, और मेरे गुरु वही थे, उन्होंने सब देखा था, क्रोध मे उसकी आत्मा निकलकर बंदर मे डाल दिया,

मुझे इस बात का पता तब चला ज़ब वह लड़का निस्वास पड़ गया,

सभी अचम्भित थे, ऐसा कैसे हो सकता है? यह सब सुनने मे अच्छा लगता है,

महिला ने पूछा चलो बताओ 15 साल पहले एक घटना नहीँ घटी थी, जिसमे आपका पोता नहीँ रहा, बुजुर्ग ने बताया है सही बात है,

फिर उसने पूछा की उसका इनसब से क्या लेना देना......

महिला ने कहा की..... मेरे मालिक उस घटना को कभी भूल नहीँ सके,

वे अक्सर अपने गुरूजी के पास जाते और प्रायश्चित करने के लिए उपाय बताने को कहते...

कई सालो तक नजरअंदाज करने के बाद गुरूजी ने हल बताया...... उन्होंने कहा की आज से कुछ साल के बाद आपके घर मे फिर से बच्चे की किलकारी गूंजेगी........ जुड़वाँ बच्चे होंगे तो... लेकिन एक सप्ताह मे उनमे से एक बच्चा निस्वास हो जायेगा.....

तब मै उस बंदर की आत्मा को उस बच्चे मे प्रवेश करवा दूंगा..

सभी को अपने कानो पर भरोसा ना हुआ, वे बंदर और गुरूजी से मिलना चाह रहे थे,

महिला ने मालिक के साथ उन्दोनो को भी वहा लाया..... परिवार के सदस्य थोड़े डरे हूए भी थे क्युकि उनके कुल के दो दीपक पहले ही बुझ चुके थे, और आखिरी ख़ुशी को वे कोई नुकसान होने नहीँ देना चाहते थे,

फ़िरभी महिला की बात मानने के अलावा उनके पास और कोई चरा नहीँ था, बंदर आते के साथ अपनी मा की गॉड मे जा लपका, और नम आँखों से आधे घंटे तक घूरता रहा,

उसकी मा अब समझ चुकी थी की वह उसका ही बेटा है, बंदर सभी को पहचानता था, इसलिए सभीको बड़ी बिनम्रता से देख रहा था,

तभी वहा वह गुरूजी भी आया........ उसे देख बंदर डरा शमा एक कोने मे दुबक गया,

महिला ने सारी बातें पहले ही बता दी थी इसलिए बाकिओ को कुछ कहने की जरूरत नहीँ पड़ी, पर घरवाले उस गुरूजी से खफा जरुर थे,

अब वह बेजान पड़े बच्चे को अपने सामने रख मंत्र के बड़े बड़े श्लोक पढ़ने लगा, तत्काल उसने लोगो को मंत्रो के मायाजाल से उनके मन को काबू कर लिया, ताकि वे उसके रहस्यों को ना जान सके,

फिर उसने बंदर की आत्मा को बच्चे के भीतर प्रवेश करवाने के लिए 11 दैवीय श्लोक पढ़े,
ये सभी श्लोक तंत्र मंत्र क्रिया को सफल बनाने के लिए थे,  "अचानक वह बंदर तड़पने लगा "....

लोग देख तो रहे थे पर क्या और कैसे हुआ ये याद ना रहा किसी को,

वह बंदर अचनक मिट्टी के अंदर धसने लगा......
वह जैसे जैसे धंस्ता......... जा रहा था,

उस बच्चे के अंदर हलचल बाढ़ रही थी, और देखते ही देखते वह बच्चा जोर जोर से किलकारिया करने लगा,

फिर अपनी मंत्र शक्ति से लोगो के मन को पुरी तरह से मुक्त कर दिया,
लोगो ने अचानक पाया की बच्चा जीवाइट था, और वह बंदर जमीन के अंदर था,

सभी लोगो की आंखे और सर भारी था, उन्हें लगा की गुरूजी ने पलक झपकते ही बच्चे को जीवित कर दिया, परन्तु ऐसा नहीँ था......

उसने पुरे एक घंटे का समय लिया था, उस बिच सभी को पुतला बना दिया गया, ताकि वह अपना करय कर सके, और कोई तरह का विघ्न उसके कार्य मे ना पड़े,

यह घटना बिल्कुल सच्ची थी इसलिए गुरूजी की जयजयकार होने लगी, सभी को उनकी खोयी खुशियाँ दोबारा प्राप्त हो गयी, इसलिए उन्होंने दिलखोलकर उनसभी को इनाम दिया,

इस घटना से उस इलाके मे गुरूजी की षण बाढ़ गयी, अब हर छोटे बड़ी घटना पर लोग गुरूजी की शरण मे आते,

और गुरूजी भी अच्छे से फायदा उठाते, महिलाओ को रोग और भूत से आजाद करने के नाम पर घिनौना खेल खेलते..........

महिलाओ को साधना के नाम पर मंत्रशक्ति से बंध कर उनके साथ दुष्कर्म करते, गाँव वाले सभी अंधे हो चुके थे, सही गलत किसी को कुछ दिखायी नहीँ देता,

बिफिक्र अपनी महिलाओ को उस मक्कार गुरूजी के चुगल मे भेज देते......  कई लड़कियो के साथ बलात्कार करने के बाद भी वह गुरूजी शांत नहीँ हुआ,,,,,,,, उसका घिनौना खेल चलता रहता,

जो भी लड़कियां उसे पसंद आ जाती, उसे वह अपने मायाजाल से फसा कर उसके मन को काबू कर लेता, और उसके साथ वह सब करता जो वह चाहता था,

इन्ही सब बातो से अंजान कई कुंवारी लड़कियो ने गुरूजी के आश्रम मे खुद को वतरहिन पाकर आत्महत्या तक कर लिया,

पर लोग तो उनकी पूजा करते थे उनकी आँखों पर चमत्कार की पट्टी बंध रखी थी उसने,

एक बार ज़ब वहा के एक बड़े घराने की महिला ने आत्महत्या कर लिया, तब गाँव वालो की आंखे खुली,

और गुस्से से क्रोधित हूए लोगो ने उस गुरूजी की जान ले ली,
इस तरह महान शक्तियों का मालिक अपनी गलत मंशा के फंदे चढ़ गया |























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