पहेली **********
अपराजिता एक अच्छे कुल की पहली संतान थी, परिवार मे किसी चीज का अभाव नही था, सभी अपराजिता पर जान छिड़क़ते थे,
एक दिन अपराजिता के पिता अनिल किसी ख़ास काम से दूसरे शहर गये , जहा से पास मे ही एक बड़े ऋषि मुनि का आश्रम पड़ता था, अनिल के साथ उनके एक अन्य सहभागी मित्र उन बाबाजी के दर्शन के इच्छुक थे, अनिल से साथ चलने को कहा, तो वे इकठा बाबाजी के दर्शन के लिए निकल पड़े,
वहा पहुंचकर बाबाजी के आशीर्वाद लिए, वापस लौटते वक्त बाबाजी ने अनिल की प्रशंसा करते हुई बताया की, आपकी …
अंजलि अपने परिवार के साथ गोवा कि रहने वाली थी, उसके परिवार मे दो भाई और वे दो बहने थी, अंजलि अपने भाई बहनो मे सबसे बड़ी थी, इसलिए उसे बाकियो से अधिक मान आदर मिलता, साथ हि वह अपने पिता कि चहेती थी,
ज़ब भी भाई बहनो मे झगड़े होते तो अंजलि के पिता बिना कोई बात सुने हि अंजलि कि तरफदारी करते,क्युकि उन्हें लगता अंजलि कभी कोई गलती कर हि नहीँ सकती है,
वे अंजलि को हमेशा एक बेटे कि तरह सम्मान देते, अंजलि के दोनों भाई को इस बात से हमेशा प्रॉब्लम होती कि पापा सिर्फ दीदी का हि साथ देते है, चाह…
पुण्य की लालसा : adhurikahaniya2020
एक भरे पुरे और समृद्ध ग्राम मे एक महान विद्वान पुजारी रहते थे,
उन्हें कभी किसी चीजे की जरूरत पडती तो आस पास के भक्त परिवार उनका सहयोग करते, इसी तरह उनका जीवन काफी सुखमय बीत रहा था,
वे घर के मुखिया होने के साथ साथ सास्त्रो मे निपुण ज्ञानी पंडित थे, इसीलिए कोई भी यजमान अपने घर मे पूजा बिना इनके परामर्श के नहीँ करते थे,
एक बार एक धनी परिवार ने अपने घर पर पंडित जी को आमंत्रित किया, और एक विशेष तरह की पूजा करवाने की मांग की,
पंडित जी भी इस पूजा विधि…
देश के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक के साथ काम् कर रहे रोहित ने उनसे काफी अच्छी जानकारी प्राप्त कर लि हैं,
अब वह खुद का एक रिसर्च केंद्र खोलने के लिए अनुमति लेने विदेश गया हुआ हैं, इस दौरान उसके घर मे आकाशमत एक दुर्घटना हो जाती है,
इस दुर्घटना मे वह अपने पालतू कुत्ते टॉमी को खो बैठता है, दरअसल बात यह थी की बिना किसी से इजाजत लिए एक ट्रैक्टर रोहित के घर मे जा घुसा, उस समय घर मे उसकी पत्नी और उसका पालतू कुत्ता टॉमी हि था, माता पिता आउट ऑफ़ टाउन थे, रोहित की पत्नी के सामने ट्रेक्टर घर मे ज…
शरांश :-ये कहानी एक ऐसे बच्चे की है जो अनजाने मे किसो बड़ी शक्ति से दुश्मनी मोल ले लेता है,
कभी कभी हम ऐसा कुछ कर जाते है जो सायद नहीँ करना ही ठीक होता है, संसार मे कई ऐसी शक्तिया विद्द्मान है जो इसका संचालन करती है,ये अच्छी भी होती है औऱ बुरी भी,
कहानी
रामानुज महज 12 साल का एक बालक है,जो अपनी माँ के साथ एक गाँव से आखिरी छोऱ पर रहता था,,, ठीक वही जँहा सफ़ेद संगमरमर से एक मजार का निर्माण किया जा रहा था...
उससे कुछ ही दूरी पर रानुज का घर था, इसलिए रामानुज वही आस पास ही खेला कर्ता था…
संध्या को हर रोज़ सपने में आने वाले भविष्य के अक्श दीखते हैँ, जो कभी कभी हूबहू सच हो जाते हैँ, आज की कहानी उसी सच पर आधारित हैँ की कैसे संध्या ने 15 घंटे पहले होने वाली घटना की छवि देख ली,
कहानी
रोज़ की तरह संध्या की आँखे खुलते ही सारे मंजर ताज़ा हो गये........
थकावट ऐसी जैसे रात भर किसी सड़क किनारे चलती रही,
आँखों को थोड़ा आराम देते हुए, पानी के छींटे अचानक याद आया.....................
जाने मै कहा चली गयी थी, आँखों के पास दौड़ती ओ सफ़ेद ट्रेन.... पहले तों कभी नहीँ देखी,
देखने से वह बाकी…
जबतक इंसान जिन्दा रहता है,उसे दुनियादारी की पड़ी रहती है.......मेहनत करता है औऱ पुरा जीवन अपने काम औऱ परिवार के नां समर्पित कर देता है,
पर क्या इंसान संसार छोड़ देने के बाद वह अपने परिवार को भूल जाता है,? हमारी आज की कहानी इसी पर आधारित है?
कई दिनों से बिस्तर पर लेटा अरविंद अपने सगे सम्बन्धीयो से मिलने की इच्छा जाहिर कर रहा होता है,औऱ अपनी पत्नी से कहता है,
मीरा....क्या किसी ने फोन कर मेरी तबयत की जानकारी ली थी,
मीरा बोली किसीने से क्या मतलब है आपका....परिवार मे तों ऐसा कोई नहीँ है…
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